Types of Organic Reactions
Types of Organic Reactions.आर्गेनिक केमिस्ट्री के अंतर्गत कई रिएक्शन होती हैं,उन्हें निम्नलिखित प्रकार से विभाजित किया जा सकता हैं।वैसे कार्बनिक अभिक्रियाएँ अनेक प्रकार की होती हैं,इसमें से कुछ प्रमुख अभिक्रियाओं को आगे समझेंगे।
Types of Organic Reactions
- प्रातिस्थापन अभिक्रियाएँ
- योगात्मक या संकलन अभिक्रियाएँ
- विलोपन अभिक्रियाएँ
- पुनर्विन्यास अभिक्रियाएँ A
- आणविक अभिक्रियाएँ
(1) प्रातिस्थापन अभिक्रियाएँ(Substitution Reactions)
यह वह रिएक्शन हैं जिसमे किसी कंपाउंड का कोई एटम या ग्रुप दुसरे एटम या ग्रुप से इस प्रकार प्रतिस्थापित होता हैं कि कंपाउंड को इंटरनल स्ट्रक्चर में कोई चेंज नहीं होता हैं।नया एन्टर रिंग समूह उसी कार्बन के साथ संलग्न होता हैंजिससे अलग होने वाला एटम या समूह जुडा हुआ हैं।एक्शन के फलस्वरूप बने नए कंपाउंड को प्रतिस्थापन प्रोडक्ट कहते हैं।
G + R-X …………>G—R + X
जहाँ R–X और G-R दोनों कोवेलेंट अणु हैं। यह क्रिया फ्री रेडिकल,एलेक्ट्रोफाईल या नुक्लियो फाईल के द्वारा होती हैं. Halogenation, Nitration, Sulphonation आदि इस प्रकार की अभिक्रियाओं के सामान्य उदाहरण हैं.एल्केन और एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन इस प्रकार की अभिक्रियाएँ प्रदर्शित करते हैं।
(i) मुक्त मूलक प्रतिस्थापन-
यह फ्री रेडियल के अटैक के द्वारा होता हैं।
Cl2 ……hv….>Cl. + Cl.
एल्केन इस प्रकार की रिएक्शन show करते हैं। उदाहरण –एल्केन का क्लोरीनीकरण
Cl’ + CH4 ———–> ‘CH3 + HCl
‘CH3 + Cl2 ———->CH3Cl + Cl’
(ii) एलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन-
यह रिएक्शन एलेक्ट्रोफाईलNO2+,Cl+ आदि के अटैक के द्वारा होती हैं तथा एरोमेटिक कंपाउंड इस प्रकार की रिएक्शन show करते हैं।इसका हाई इलेक्ट्रान डेंसिटी ELECTROFILE को अट्रेक्ट करता हैं।
HNO3 + H2SO4 ⇌ H3O+ + 2HSO4- + NO2+
इस प्रकार की रिएक्शन को SE से व्यक्त करते हैं
(iii) नुक्लियोफाईल प्रतिस्थापन-
यह एक्शन नुक्लियो फाईल(नाभिक स्नेही) के अटैक के द्वारा होती हैं,जैसे एल्कील हैलाईड की प्रतिस्थापन रिएक्शन।
Nu:(-) + R—X —–> R—-Nu + X:-
यह रिएक्शन एक से अधिक प्रकार की मैकेनिज्म के द्वारा होती हैं,(जैसे SN1 व SN2)
R—-X ——–>R+ + X –
Nu:(-) + R+ —–> R—-Nu (SN1)
या Nu:(-) + R—-X ——>[Nu…..R…..X ]- ——> Nu—-R + X- (SN2)
(2) योगात्मक या संकलन अभिक्रियाएँ(Addition Reactions)
यह वह रिएक्शन हैं जिसमे समान या भिन्न पदार्थों के अणु आपस में संयोग करके केवल एक प्रोडक्ट देते हैं। नए पदार्थ को योगात्मक प्रोडक्ट कहते हैं। इस प्रकार की रिएक्शन एल्कीन,एल्काइन,कार्बोनिल कंपाउंड्स आदि में होती हैं जिनमे द्विक या त्रिक बांड होते हैं।
वास्तव में यह इनका स्पेसिफिक गुण हैं।संकलन रिएक्शन में किसी द्वि-बंध व त्रि-बंध वाले अणु में दो atoms या समूहों का योग होता हैं।
प्रतिस्थापन रिएक्शन के समान ये रिएक्शन भी एलेक्ट्रोफाईल, नुक्लियो फाईल(नाभिक स्नेही) या मुक्त मूलक के अटैक द्वारा होती हैं।
इलेक्ट्रान स्नेही तथा मुक्त मूलक संकलन रिएक्शन सामान्यत:एल्कीनों व एल्काइनों में होती हैं।जबकि नाभिक स्नेही संकलन विषम परमाणु वाले द्वि-आबंधों पर होती हैं।जैसे -कार्बोनिल कंपाउंड्स में ।
(i) इलेक्ट्रोफिलिक योग
peroxide की प्रेसेंस में HBr का योग फ्री रेडिकल क्रियाविधि के द्वारा होता हैं
(ii) नुक्लियोफिलिक योग
(3) विलोपन अभिक्रियाएँ(Elimination Reactions)
यह संकलन एक्शन के ठीक विपरीत एक्शन हैं।यह वह रिएक्शन हैं जिसमे किसी अणु में से दो परमाणु या समूह विलोपित हो जाते हैं।अर्थात निकल जाते हैं और एक अतरिक्त आबंध बन जाता हैं।
एलिमिनेशन क्रिया में दो एटम या ग्रुप निकटवर्ती कार्बन परमाणुओं पर से निकल जाते हैं।और एक नया द्विआबंध (या त्रिअबंध) बन जाता हैं। उदाहरण ,एल्कोहलों का अम्ल उत्प्रेरित निर्जलन तथा एल्कील हैलाईड़ो का क्षारक उत्प्रेरित विहाइड्रोहैलोजेनिकरण ।
उपर्युक्त विलोपन 1,2 अथवा बीटा-विलोपन कहलाता हैं।
(i) अल्कोहल का अम्ल उत्प्रेरित निर्जलन
(ii) एल्कील हैलाईड़ो का क्षारक उत्प्रेरित विहाइड्रोहैलोजेनिकरण
इसके अतिरिक्त दो ग्रुप या परमाणुओं का विलोपन एक ही कार्बन एटम से भी हो सकता हैं। इया अवस्था में इसे अल्फ़ा-विलोपन (या 1,1 विलोपन) कहता हैं।इस अवस्था में क्रियाशील स्पीशीज कार्बीन बनती हैं ।उदाहरन के लिए
(4) पुनर्विन्यास अभिक्रियाएँ(Rearrangement Reactions)
यह वे रिएक्शन होती हैं जिनमे कोई एटम या समूह मॉलिक्यूल के अन्दर ही एक एटम से दुसरे एटम पर माइग्रेट कर जाता हैं।आर्गेनिक रिएक्शन में वें पुनर्विन्यास रिएक्शन बहुत सामान्य हैं जिनमे कोई ग्रुप एक कार्बन से हटकर निकटवर्ती दुसरे कार्बन एटम पर चला जाता हैं।इसे 1,2-शिफ्ट कहते हैं।
इस प्रकार की रिएक्शन में अपेक्षित प्रोडक्ट के स्थान पर एक आइसो मर (समावयवी) प्रोडक्ट प्राप्त होता हैं।उदाहरण के लिए ,जब 2,2-डाईमिथाइल ब्यूटेन-1,2 डाई ऑल का अम्ल उत्प्रेरित निर्जलन होता हैं तब rearranged प्रोडक्ट 2,2- डाईमिथाइल ब्यूटेन-2-ओन(पिना कालोंन) प्राप्त होता हैं।
इसमें एक मिथाइल ग्रुप निकटवर्ती कार्बन पर चला जाता हैं।
यह वें रिएक्शन होती हैं जिनमे covalent आबंध अंतर-अणुक रूप(intermolecularly) में या अंतरा-अणुक रूप(intramolecularly) में चक्रीय संक्रमण अवस्था (cyclic ट्रांजीशन states) का निर्माण करते हुए रीओर्गेनाईस(reorganise) हो जाते हैं।
इसमें आयनिक मध्यवर्ती या मूलक मध्यवर्ती का कोई योगदान नहीं होता हैं तथा अम्लों और क्षारको को कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं।
यह रिएक्शन हीट(उष्मा) या लाइट (प्रकाश)के द्वारा होती हैं तथा अत्यधिक स्टीरियो स्पेसिफिक होती हैं।
[स्टीरियो स्पेसिफिक–एक स्टीरियोस्पेसिफिक प्रतिक्रिया में प्रत्येक स्टीरियोइसोमर एक अलग स्टीरियोइसोमेरिक उत्पाद या स्टीरियोइसोमेरिक उत्पाद का एक अलग सेट बनाता है]
सारांश:-
इस आर्टिकल में हमने देखा कि आर्गेनिक रिएक्शन कितने प्रकार की होती हैं। यह निम्न प्रकार की होती हैं:-
- प्रातिस्थापन अभिक्रियाएँ
- योगात्मक या संकलन अभिक्रियाएँ
- विलोपन अभिक्रियाएँ
- पुनर्विन्यास अभिक्रियाएँ A
- आणविक अभिक्रियाएँ
आर्गेनिक केमिस्ट्री अधिकांश या सभी रिएक्शन इन्ही प्रकारों पर डिपेंड रहती हैं।इसमें आपने देखा कि सभी रिएक्शन को उदाहरन के साथ प्रस्तुत किया गया हैं जिसके कारण इन रिएक्शन को समझने में कोई प्रॉब्लम नहीं आएगी।
आर्गेनिक केमिस्ट्री के लिए सबसे बेस्ट बुक एस.एम. मुखर्जी(all Volume) की हैं.क्योंकि इसमें कांसेप्ट बिलकुल क्लियर और एक्यूरेट हैं.में भी अपने नोट्स और अपनी स्टडी इसी बुक से पड़कर की हैं.अगर आप इसे ऑनलाइन खरीदना चाहते हैं तो डायरेक्ट अमेज़न से खरीद सकते हैं.या नीचे दी buy now button पर क्लिक करके अभी आर्डर कर सकते हैं.जिसे भी आर्गेनिक केमिस्ट्री डीप में समझना हैं तो इस बुक पड़ना ही चाहिए.में इसे recommended करता हूँ.क्योंकि यह बुक मुझे मेरे सर ने बताई थी .
Buy Now
स्पेशल ऑफर
इस किताब का आधार यह हैं की धन संपत्ति के मामले में आप कितना अच्छा प्रबंधन करते हैं,यह इस पर कम निर्भर करता हैं कि आप कितने होशियार हैं और इस पर ज्यादा कि आपका व्यवहार कैसा हैं|और व्यवहार सिखाना कठिन कार्य हैं,उन्हें भी जो ज्यादा होशियार हैं|
Leave a Reply