What is Radical in Chemistry-2 Acidic|2 Basic| Interfering.यह ब्लॉग बीएससी द्वितीय वर्ष के के रसायन शास्त्र प्रैक्टिकल से सम्बंधित हैं.अम्लीय मूलक वह होते हैं जिस पर नेगेटिव चार्सज होता हैं जैसे CO3–(कार्बोनेट),SO4–(सल्फेट),NO3-(नाइट्रेट)आदि औरक्षारीय मूलक वह होते हैं.
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जिस पर पॉजिटिव आवेश होता हैं जैसे NH4+(अमोनियम आयन),Pb2+(लेड आयन),Fe3+(आयरन),Cr3+(क्रोमियम आयन)आदि क्षारीय मूलक अलग-अलग समूह में रहते हैं एवं एक विशेष प्रकार के समूह अभिकर्मक द्वारा अवक्षेपित होते हैं.इस ब्लॉग से आपको फाइल में प्रैक्टिकल किस प्रकार से लिखा जाता हैं उसका पता चलेगा.
इस अकार्बनिक मिश्रण में एक वाधाकारी मूलक जो की एक अम्लीय मूलक होता हैं.लेकिन यह मिश्रण में होने के कारण क्षारीय मूलक के परिक्षण के समय द्वितीय समूह के बाद बाधा उत्पन्न करता हैं.तो पहले द्वितीय समूह के परिक्षण के बाद इसे रिमूव करना पड़ता हैं.
What is Radical in Chemistry-2 Acidic|2 Basic| Interfering
अम्लीय मुलकों का परिक्षण(Acidic Radical Test)
अवलोकन सारणी (Observation Table)
क्रमांक | प्रयोग (experiment) | अवलोकन | निष्कर्ष |
1. | परखनली में थोडा मिश्रण लेकर उसमे तनु हाइड्रोक्लोरिक एसिड की कुछ बूंदों का उपयोग करके विलयन को अम्लीकृत किया जाता है, फिर इसमें बेरियम क्लोराइड की कुछ बूंदमिलाओ । | बेरियम सल्फेट का एक सफेद अवक्षेप बनता है। | सल्फेट आयन(SO2− 4) उपस्थित हैं |
2. | परखनली में थोडा मिश्रण लेकर उसमे सिल्वर नाइट्रेट की कुछ बूंदों को थोड़ा अम्लीय जलीय घोल में मिलाया जाता है , तो | सिल्वर क्लोराइड का एक सफेद अवक्षेप बनेगा | क्लोराइड आयन(Cl−) उपस्थित हैं |
3. | एक सुखी परखनली में मिश्रण और बालू रेत समान मात्रा में लिया.फिर इसमें 2 ml सान्द्र सल्फुरिक अम्ल की मिलायी.इसे गर्म करने के बाद गीली ग्लास रॉड परखनली के मुंह पर लाने पर .. | जिलेटिननस वाइट पदार्थ ग्लास रॉड पर जमा हो जाता हैं. | F-कनफर्म्ड (मिश्रण में फ्लोराइड उपस्थित हैं.) |
क्षारीय मुलकों का परिक्षण(Basic Radical Test)
अवलोकन सारणी (Observation Table)
What is Radical in Chemistry-2 Acidic|2 Basic| Interfering
क्रमांक | प्रयोग (experiment) | अवलोकन | निष्कर्ष |
1. | परखनली में थोडा मिश्रण लेकर उसमे तनु सोडियम हाइड्रॉक्साइड घोल डालकर और धीरे से गर्म करके घोल में पहचाना जा सकता है। यदि अमोनियम आयन मौजूद हैं, तो | वे अमोनिया गैस में परिवर्तित हो जाएंगे। अमोनिया में एक विशिष्ट घुटन की गंध होती है। यह नम लाल लिटमस पेपर या नम यूनिवर्सल इंडिकेटर पेपर को भी नीला कर देता है। | Ammonium(NH₄⁺)ions उपस्थित हैं |
2. | मिश्रण का मूल विलयन बनाकर इसमें प्रथम समूह का समूह अभिकर्मक तनु हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाया | कोई अवक्षेप नहीं आता हैं | प्रथम समूह अनुपस्थित |
3. | प्रथम समूह के निस्यंद में थोडा तनु HCl मिलाकर इसमें H2S गैस प्र्बाहित करते हैं | कोई अवक्षेप नहीं आता हैं | द्वितीय समूह अनुपस्थित हैं |
4. | फ्लोराइड का रिमूवल:-द्वितीय समूह के निस्यंद को एक पोर्सलिन डिश में लेकर dryness होने तक वास्पिकृत करो.फिर इसे ठंडा करके फिरसे 2 ml सान्द्र HCl मिलाकर वस्पिकृत किया.इस प्रोसेस को दो-तीन बार रिपीट किया और सूखे द्रव्य को तनु HClमें मिलाया. | इस प्रकार से फ्लोराइड का रिमूवल हो जाता हैं.इसके बाद तृतीय समूह के test के लिए आगे बड़ते हैं. | |
5. | द्वितीय समूह से फ्लोराइड को रिमूव करने के बाद इसमें थोडा तनु HCl मिलाकर इसमें NH4 Cl और NH4 OH की अधिक मात्रा में मिलाया | ब्राउन कलर अवक्षेप आता हैं | तृतीय समूह उपस्थित हैं |
6. | अवक्षेप को फ़िल्टर पेपर की सहायता से छान कर Fe3+,Al3+और Cr3+ का परिक्षण किया | ||
7. | एक भाग में तनु HCl डाल कर घोलते हैं.फिर इसमें एक बूंद पोटेशियम हेक्सा सायनोफ़ेरेट K4[Fe(CN)6] विलयन डालने पर | गहरे नीले रंग का अवक्षेप या विलयन प्राप्त होता हैं. | (Fe3+) आयरन उपस्थित हैं |
परिणाम :-दिए गए अकार्बनिक मिश्ररण में दो अम्लीय मूलक सलफेट (SO₄²-)और क्लोराइड (Cl-) एवं वाधाकारी मूलक F- उपस्थित है.तथा दो क्षारीय मूलक शून्य समूह का अमोनियम आयन (NH₄⁺) और तृतीय समूह का आयरन (Fe3+) उपस्थित हैं.