Kohlrausch’s Law आयनिक चालकता को समझने की कुंजी” 100% useful
Kohlrausch’s Law आयनिक चालकता को समझने की कुंजी” 100% useful.इस नियम के अनुसार अनंत तनुता(λ∞)पर तुल्याकी चालकता का मान दो स्वतन्त्र कारकों (जिनमें से एक धनायन का लक्षणहोता है तथा दूसरा ऋणायन का) के योग द्वारा निर्मित होता है । अतः
λ∞= λa + λc ……..1
Kohlrausch’s Law आयनिक चालकता को समझने की कुंजी” 100% useful
यदि हम NaCl लवण का उदाहरण ले तो अनंत तनुता पर इसकी तुल्याँकी चालकता का मान दो पदों (Terms) का योग होता है। इनमें से एक Na+ आयन (λ+Na) के कारण होता है तथा दूसराCl–आयन (λ–Cl) के कारण होता है। ये पद ऋणायन व धन या की आयनिक गतिशीलताऐं (Ionic Mobilities) कहलाती हैं। आयनिक गतिशीलताओं का अनुपात उनके अभिगममांक के तुल्य होता है। अतः
λa/λc = na/nc = na/(1-na) क्योंकि na + nc=1 ………2
आयन का परम वेग (Absolute Velocity) आयन का cm/sec में वह वेग होता है जिससे वह वैद्युत क्षेत्र के प्रभाव में 1 cm दूरी पर स्थित ऐसी दो इलेक्ट्रोडों के कारण गति करता है जिके मध्य 1 volt का विभान्तर होता है अर्थात एक इकाई विभव प्रवणता होती है ।
परम वेग का मात्रक cm/sec(volt/cm) अर्थात cm2/sec/volt होता है। साँख्यकी रूप से परम वेग आयनिक गतिशीलता तथा फैराडे (96500 Coulombs) के अनुपात के तुल्य होता है ।
U = λa/96500 V =λc/96500
समीकरण 2 से λa/λc =na/(1-na) or
=λa– naλa= naλc
=λa =na(λa+ λc) =na x λ∞ (because λa + λc = λ∞)
अतः यदि हम अनंत तनुता पर किसी प्रबल विद्युत अपघट्य की तुल्याँकी चालकता को उसके अभिगमनांक से गुणा करें तो हमें आयन की चालकता प्राप्त होगी-
λc = nc x λ∞
Kohlrausch’s Law आयनिक चालकता को समझने की कुंजी” 100% useful
कौलरॉश नियम के अनुप्रयोग (APPLICATIONS OF KOHLRAUSCH LAW):-
(अ) आयनों की आयनिक गतिशीलताऐं तथा परम वेग को ज्ञात करने में।
(ब) अनंत तनुता पर दुर्बल विद्युत अपघट्यों की तुल्याँकी ।
(स) वियोजन की दर को ज्ञात करने के लिये क्योंकि विद्युत अपघट्य के वियोजन की दर ∝ V तनुता पर, a= λv/ λ∞ द्वारा दर्शाई जाती हैं ,जहाँ λ∞= λa + λc होता हैं ।
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