electrochemical series.वह श्रेणी जो विभिन्न इलेक्ट्रोडों के मानक अपचयन विभवों के बढ़ते हुऐ क्रप की व्यवस्था (ELECTROCHEMICAL को प्रदर्शित करती है या मानक आवसीकरण विभवों के घटते हुए क्रम को प्रदर्शित करती है, विद्युत रासायनिक श्रेणी कहलाती है।
electrochemical series
इस श्रेणी के कुछ महत्वपूर्ण लक्षण निम्न प्रकार से हैं-
(1) अधिकतम सक्रिय धातुऐं श्रेणी के शीर्ष पर स्थित होती हैं।
(2) अपचयन विभव जितना ऋणात्मक होगा, धातु उतनी ही क्रियाशील होगी तथा लवण विलयन में से अन्य धातु को विस्थापित करेगी। उदाहरणार्थ, कॉपर, सिल्वर के बिल्कुल नीचे स्थित होता है।
अतः सिल्वर नाइट्रेट विलयन में कॉपर की पन्नी (Copper Foil) डालने पर सिल्वर AgNO3 विलयन से विस्थापित हो जायेगी। इसी तरह से स्वर्ण लवण में से सिल्वर स्वर्ण को विस्थापित कर देती है। जैसे की फोटोग्राफी में स्वर्ण के रंग-संस्कार (Gold Toning) के समय होता है।
(3) श्रेणी के शीर्ष के समीप स्थित धातुऐं प्रबल धनविद्युती (या दुर्बल ऋणविद्युती) होती हैं था धनायन प्रदान करने के लिये शीघ्रता से इलेक्ट्रॉनों को त्याग देती है अर्थात शीघ्रता से आक्सीकृत * जाती है।
अतः ये अच्छी अपचायक कर्मक होती है। शीर्ष के समीप स्थित धातुएँ Li, Na, K, आदि जैसी क्षार धातुऐं होती हैं जो प्रबल धनविद्युती होती है। ये धातुऐं जल से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देती है।
उदाहरणार्थ, यदि लीथियम को जल या H+ आयनों वाले विलयन में डाल दिया जाये H+ आयन हाइड्रोजन गैस में अपचयित हो जायेगें तथा लीथियम,Li+ आयन में आक्सीकृत जायेगा ।
क्षार धातुओं के हाइड्राक्साइड प्रबल क्षारीय होते हैं तथा इनके लवण जल अपघटित नहीं है।
जैसे-जैसे हम श्रेणी के निचले भाग में जाते हैं, यह गुण घट जाता है, यहाँ पर धातुओं के ड्रोक्साइड दुर्बल क्षारीय होते हैं, तथा इनके लवणों में जल अपघटित होने की प्रवृत्ति होती है।
(4) हाइड्रोजन के ऊपर स्थित धातुऐं, तनु अम्लों से हाइड्रोजन को विस्थापित कर देती है।
(5) श्रेणी के निचले भाग में स्थित तत्व उच्च ऋणविद्युती होते हैं तथा ऋणायन बनाने के लिये पता से इलेक्ट्रॉन ग्रहण करते हैं, अर्थात ये शीघ्रता से अपचयित हो जाते हैं। (Oxidas)
(6) हाइड्रोजन के ऊपर स्थित लौहा (Fe) एवं अन्य धातुऐं वाष्प (Steam) को विघटित कर हैं तथा हाइड्रोजन को उत्सर्जित करती हैं।
(7) हाइड्रोजन के ऊपर स्थित धातुओं पर सरलता से जंग लग जाता है जबकि हाइड्रोजन के नीचे स्थित धातुओं पर जंग नहीं लगता
(8) मैग्निीशियम के आक्साइड तथा उसके ऊपर स्थित धातुऐं, हाइड्रोजन की उपस्थिति में गर्म करने पर अपचयित हो जाती हैं।
(9) पारे के आक्साइड तथा उसके नीचे स्थित धातुऐं गर्म करने पर अपघटित हो जाती हैं।
(10) गैल्वेनिक सेल के विद्युत वाहक बल को ECELL = ERIGHT – ELEFT = ECATHODE – EANODE सम्बन्ध द्वारा किया जा सकता है, जहाँ पर दोनों अर्ध सेल विभव अपचयन इलेक्ट्रोड विभव हैं। यदि ECELL धनात्मक है तो सेल अभिक्रिया होगी। ECELL जितना धनात्मक होगा अभिक्रिया उतनी ही तीव्र होगी। यदि ECELL ऋणात्मक है तो अभिक्रिया बिल्कुल भी नहीं होगी|
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विद्युत रसायनिक श्रृंग में highest reduction potential की संभावना विद्युत धारीयता(electrical capacitance) कहलाती है। यह एक तत्व या संयोजन की electrical maximum potential को दर्शाता है।
जब वह अन्य तत्वों या संयोजनों के साथ एक विद्युत संयोजन बनाता है। विद्युत रसायनिक श्रृंग में सबसे उच्च कमी की संभावना पोटेशियम मेटल (Potassium) को प्रदर्शित करती है। पोटेशियम की विद्युत धारीयता electrochemical series में सबसे ऊंची होती है और यह कई विद्युत रसायनिक प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।