Benzene kya hai? बेंजीन क्या हैं ?C6H6 Useful
What is Benzene ? Benzene kya hai? बेंजीन क्या हैं ? सबसे पहले हम देखते हैं कि दैनिक जीवन में बेंजीन को कहा कहा सुना जाता हैं? डिटर्जेंट,,रेजिन, रबर स्नेहक, रंजक, प्लास्टिक,सिंथेटिक फाइब, दवाएं और कीटनाशक में बेंजीन का नाम सुनते हैं क्योंकि इन्हें बनाने में बेंजीन का यूज़ होता हैं.संयुक्त राज्य अमेरिका में बेंजीन का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
कुछ सामान्य प्रोडक्ट्स में बेंजीन होता हैं .औद्योगिक विलायक,पेंट, लौह ,वार्निश, रिमूवर,पेंट स्ट्रिपर्स,तंबाकू के धुएं,
गैसोलीन और अन्य ईंधन,थिनर(thiner),गोंद, चिपकने वाले, सफाई उत्पादों,पेंट।फर्नीचर मोम और डिटर्जेंट आदि .
बेंजीन इंसानों के लिए जहरीला है.लोग ऑटोमोबाइल निकास, , कुछ कारखानों से उत्सर्जन,गैसोलीन के धुएं, यह उद्योगों के अपशिष्ट जल से पर्यावरण में बेंजीन के संपर्क में आ सकते हैं।
What is Benzene ? Benzene kya hai? बेंजीन क्या हैं ?
बेंजीन का कॉमन नाम बेंजीन ही हैं लेकिन इसे एतिहासिक रुप से जर्मन में बेंजॉल नाम से पुकारा जाता हैं.इसके आई यू पी ए सी नाम Cyclohexa-1,3,5-triene/ 1,3,5-Cyclohexatrieneहैं.इसका सूत्र C6H6 है.इसे इस प्रकार प्रदर्शित करते हैं.
नीचे बेंजीन का सामान्य सूत्र दिया हैं.C6H6 कार्बन और हाइड्रोजन आपस में इस प्रकार जुडा हैं.लेकिन इसमें कुछ कमी हैं वो क्या हैं ?
कार्बन की संयोजकता या valency 4 होती हैं यह हम जानते हैं संयोजकता-4 मतलब यह अपने चारो और से चार बांड से जुड़ा होता हैं.वो केसे भी हो सकता हैं या तो वहा चारो और से एक-एक सिंगल बांड से जुडा हो
या एक साइड से डबल और दूसरी साइड से डबल बांड से जुड़ा हो सकता हैं
या फिर एक साइड तीन बांड और एक साइड सिंगल बांड से जुड़ा हो सकता हैं.इस प्रकार से :-
मतलब आर्गेनिक केमिस्ट्री में कार्बन ही मुख्य कड़ी हैं,जिसने पूरी आर्गेनिक केमिस्ट्री को एक साथ बांधे रखा हैं.उपर दिए चित्र से दिमाग में एक बात अच्छी तरह से बिठा लो कि कार्बन की संयोजकता 4 होती हैं वो कभी भी 3 या 5 नहीं हो सकती अगर होगी तो समझ लेना संरचना गलत है.
इसके अनुसार जो पहला बेंजीन का स्ट्रक्चर है उसमें केवल तीन बांड हैं.कार्बन की valency satisfied नहीं हैं.सही चित्र नीचे दिया हैं:- नीचे दिए स्ट्रक्चर
What is Benzene ? Benzene kya hai? बेंजीन क्या हैं ?
अब यहाँ पर गौर करने वाली यह बात हैं कि कार्बन को सभी साइड से सिंगल एंड डबल बांड से satisfied तो कर दिया लेकिन यहाँ प्रशन यह उठता हैं कि ये सिंगल और डबल बांड आये कैसे ?
बेंजीन के स्ट्रक्चर में sp2 संकरण होता हैं.संकरण को सिंपल तरीके से ऐसे बोल सकते हैं कि कार्बन से कितने सिग्मा बंध जुड़े हैं,यदि 2 हे तो sp, 3 हो तो sp2 संकरण और 4 के लिए sp3 संकरण इसे डिटेल में संकरण के चैप्टर में देखेंगे.
कार्बन जब संकरित अवस्था में होता हैं तो इसका ऑर्बिटल जो कि डम्बल के आकार का होता हैं.उसका एक लोब(बड़ा ) और एक लोब छोटा होता हैं.और जब असंकरित होता हैं तो दोनों लोब बड़े रहते हैं.चित्र में देखे.चित्र में जो ऑरेंज कलर का ऑर्बिटल हे उसके दोनों लोब बराबर(बड़े) है.
और जो ब्लू कलर से है.वह तीन डम्बल शेप में है लेकिन एक लोब बड़ा और एक छोटा हैं यह संकरित अवस्था हैं.कार्बन कुल 6 कार्बन है.
सभी कार्बन पर तीन ब्लू एक ओरंज कलर के ऑर्बिटल है.हर एक कार्बन के ब्लू लोब या ऑर्बिटल एक और से हाइड्रोजन के साथ अतिव्यापित होकर सिग्मा बांड बनाते हैं और अन्य दो लोब अन्य दो कार्बन के एक लोब से अतिव्यापित होकर सिग्मा बांड बनाते है.चितत्रानुसार
और जो ओरंज कलर(ऑर्बिटल) से दिख रहा है,वो साइड वाइज अतिव्यापन करके pi बांड या डबल बांड बनाते हैं.
साइड वाइज अतिव्यापन नीचे दिए गए चित्र से स्पस्ट हैं:-इसी के परिणाम स्वरुप pi बांड/डबल बांड बनता है.इस प्रकार बेंजीन में 6 कार्बन पर सिक्स असंकरित ऑर्बिटल होते हैं जिन्हें ओरंज कलर से show किया है.
केकुले और डे वार का सूत्र
उपर दिए 6असंकरित ऑर्बिटल आपस में अलग-अलग प्रकार से अतिव्यापन करते हैं इसी आधार पर केकुले और डे वार के संरचना बने थे.बाद में बेंजीन के स्ट्रक्चर के अध्यन के आधार पर केकुले की संरचना को मान्यता हैं.जिसे हम वर्तमान में बनाते हैं.
चलिए देखते हैं केकुले और डे वार की संरचना कैसे बनी:-
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