Upkosh| up kosh| उपकोष|सबशेल |subshell।इस ब्लॉग में इलेक्ट्रॉन्स के विभिन्न उपकोष(upkosh) में भरने का नियम को एक चार्ट से समझाने की कोशिश करूँगा।electron S,p,d,f upkosh में एक नियम के अनुसार भरें जाते हैं।s upkosh में केवल एक ही ऑर्बिटल होता हैं। इसमें कुल दो electron ही भर सकते हैं।p upkosh में कुल 3 ऑर्बिटल होते हैं। इसमें कुल 6 electron फिल कर सकते हैं।d subshell में कुल 5 orbital होते हैं। इसमें कुल 10 electron fill कर सकते हैं।और लास्ट में f कक्षक में कुल 7 कक्षक होते हैं। इसमें कुल 14 electron भर सकते हैं।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!Upkosh| up kosh| उपकोष|सबशेल |subshell
n | l | m | s | कक्षक का नाम | उपस्थित इलेक्ट्रान | इलेक्ट्रानो की कुल संख्या |
1 ( K-शैल) | 0 | 0 | +1/2 -1/2 | 1S | 2 | 2 |
2 ( L-शैल) | 0
| 0 | +1/2 -1/2 | 2S
| 2 | 8 |
1 | -1 0 +1 | +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 | 2p | 6 | ||
3 ( M-शैल) | 0 | 0 | +1/2 -1/2 | 3S
| 2 | 18 |
1 | -1 0 +1 | +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 | 3p | 6 | ||
2 | -2 -1 0 +1
+2 | +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 | 3d | 10 | ||
4 ( N-शैल) | 0 | 0 | +1/2 -1/2 | 4S
| 2 | 32 |
1 | -1 0 +1 | +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 | 4p | 6 | ||
2 | -2 -1 0 +1
+2 | +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 | 4d | 10 | ||
3 | -3 -2 -1 0 +1
+2 +3 | +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 +1/2 -1/2 | 4f | 14 |
Atom में डिफरेंट Upkosh में इलेक्ट्रान भरे जाने सम्बन्धी Bohr-Bury Scheme
विभिन्न upkosh में इलेक्ट्रान को भरने का नियम
(i) ‘n’ की value से उर्जा स्तर या upkosh का ज्ञान हॉट हैं जिसमे इलेक्ट्रान Nucleus के चारों ओर घूमते हैं| in कोशों को K,L,M,N……आदि से व्यक्त किया जाता हैं |
जैसे- n=1—-> K Kosh(Nucleus से first )
n=2 —->L Kosh (Nucleus से Second )
n=3 —–>M Kosh (Nucleus से Third)
n=4 ——>N Kosh (Nucleus से Fourth
……….
(ii) किसी upkosh में उपस्थित कुल electrons की संख्या का भी ज्ञान होता हैं –
किसी kosh में कुल electron की संख्या =2n2
First kosh में n=1,2 x (1)2 = 2 electron
Second kosh में n=2,2x (2)2 =8 electron
Third Kosh में n=3, 2 x (3)3 = 18 electron
Fourth Kosh में n=4 ,2 x (4)2 =32 electron
आफबाऊ सिद्धांत क्या है? इस सिद्धांत के द्वारा किसी upkosh में electron भरे जाने के क्रम को स्पष्ट कीजिये|
ऑफ बाऊ नियम upkosh (orbitals) में electrons के भरे जाने के क्रम से सम्बंधित हैं |इस नियम के अनुसार,
नियम-1
किसी Atom में electron बढ़ती हुई energy के क्रम में भरते हैं अर्थात कम उर्जा वाले upkosh में इलेक्ट्रान पहले भरते हैं तथा बाद में उससे अधिक energy वाले कक्ष में जाते हैं |विभिन्न orbitals के उर्जा का क्रम निम्न प्रकार हैं-
1s<2s<2p<3s<4s<3d<4p<5s<4d<5p<6s<4f<5d<6p<7s<5f<6d……

तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास -Upkosh|
(i) परमाणु क्रमांक 19-1S2,2S2,2P6,3S2,3P6,4S1
(ii) परमाणु क्रमांक 25-1S2,2S2,2P6,3S2,3P6,4S2,3d5
(iii) परमाणु क्रमांक 26-1S2,2S2,2P6,3S2,3P6,4S2,3d6,4s2,3d6
(iv) परमाणु क्रमांक 35-1S2,2S2,2P6,3S2,3P6, 4s2,3d10,4p5
(V) परमाणु क्रमांक 50-1S2,2S2,2P6,3S2,3P6,4s2,3d10,4p6,5s2,4d6,5p6
(VI) परमाणु क्रमांक 53-1S2,2S2,2P6,3S2,3P6,4s2,3d10,4p6,5s2,4d10,5p5
नियम-2 (n+l) नियम-
इस नियम के अनुसार,इलेक्ट्रान उस upkosh (कक्षक) में प्रवेश करेगा जिसके लिए (n+l) का मान न्यूनतम होगा|जैसे-3d तथा 4s upkosh में (n+l) का मान क्रमश: 5 तथा 4 हैं|अत: इलेक्ट्रान पहले 4s कक्ष में प्रवेश करेगा|इसी प्रकार 4d तथा 5 s में (n+l) का मान क्रमश:6 तथा 5 हैं |अत: इलेक्ट्रान पहले 5s upkosh में प्रवेश करेगा|
यदि दो upkosh (कक्षकों) के लिए (n+l) का मान बराबर हो तो इलेक्ट्रान उस कक्षक में जायेगा जिसका n का मान कम होगा|जैसे -3d तथा 4p upkosh में (n+l) का मान 5 हैं|इसलिए इलेक्ट्रान पहले 3d upkosh में जायेगा चूँकि उसके लिए n का मान कम हैं |
4 f इलेक्ट्रान के लिए (n+l) का मान 7 होगा |
n=4 ,l=3 =>(4+3)=7 ;
उसी प्रकार 4 f तथा 5 d में पहले 4 f upkosh में जायेगा चूँकि उसके लिए n का मान कम हैं |
ऑफबाऊ सिद्धांत के अपवाद क्या हैं ?
Spectroscopy द्वारा Study किये जाने पर कुछ Atoms में Electron भरने के क्रम में भिन्नता पाई गई हैं |ये ऑफ बाऊ नियम के अपवाद हैं-
(i) Chromium (एटॉमिक नंबर 24 ) के Outer Kosh में Elctronic Configuration 3d4 4s2 न होकर 3d5 4s1 तथा Copper(Atomic Number 29)के Outer Kosh में Elctronic Configuration 3d9 4s2 न होकर 3 d10 4s1 पाया गया हैं|
इसका कारण यह हैं कि ns और (n-1)d-upkosh (कक्षकों) की Energy में बहुत कम अंतर होता हैं तथा Half Filled या Full Filled भरे हुए upkosh(कक्षक) अपेक्षाकृत अधिक स्थायी होते हैं|
(ii) सामान्य रूप से 6s upkosh(Orbital) के पश्चात Electron 4f upkosh(कक्षक ) में जाना चाहिए,परन्तु 5d upkosh(Orbital)में एक Electron जाने के पश्चात 4f upkosh भरना प्रारंभ होता हैं और उसमें Electron तब तक भरते हैं,जब तक वह पूर्ण नहीं हो जाता हैं| (4f14)|4f upkosh (कक्षक) के पूर्ण हो जाने पर पुन: Electron 5d upkosh(कक्षक) में भरने लगते हैं|इसका कारण 4f तथा 5 d upkosh की उर्जा का समान होना हैं|
(iii) 5f upkosh भर चुकने के बाद ही electron 6d upkosh में जाना चाहिए लेकिन 5f में electron भरने के पहले ही एक या अधिक Electron 6d upkosh में जाते हैं| यह स्थिति Actinides में आती हैं| इसका कारण भी दोनों upkosh की उर्जा का लगभग समान होना ही हैं|
Pauli’s exclusion सिद्धांत क्या हैं?स्पष्ट कीजिये|
किसी भी electron की चारों quantum number ज्ञात होने पर उसकी स्थिति पूर्णरूप से ज्ञात हो जाती हैं अर्थात यदि किसी electron की चारों quantum number का मान मालूम हो,तो atom में electron की स्थिति बताई जा सकती हैं|
इस quantum number के मानों के विषय में w.pauli नामक वैज्ञानिक ने सन 1925 में एक नियम का प्रतिपादन किया जिसे pauli का अपवर्जन नियम कहते हैं |इस नियम के अनुसार,“किसी भी atom के दोनों electron की चारों quantum number का मान समान नहीं हो सकता|”
अत: यदि दो electron की तीन quantum संख्याये समान हैं,4th में अंतर अवश्य होगा अर्थात दो electron के कक्षों का आकार (size),आकृति (shape),तथा space orientation समान हैं तो electrons quantum number का मान विपरीत होगा |
यदि एक electron के लिए s=+1/2 हैं,तो दुसरे electron के लिए s=-1/2 होगा | ये electron युग्मित इलेक्ट्रान कहलाते हैं| दोनों electrons की spin की दिशा विपरीत() होती हैं|
Pauli के अपवर्जन नियम का महत्त्व
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास हेतु यह नियम बहुत उपयोगी सिद्ध हुआ |इसके आधार पर किसी भी मुख्य उर्जा कक्ष में electron की अधिकतम संख्या,उनकी quantum number electron का क्रमांक इत्यादि ज्ञात किये जा सकते हैं|
K कक्ष के लिए n=1,l का भी एक ही मान l=0 होगा |अत: m का भी एक ही मान m=0 होगा,परन्तु s के दो मान +1/2 तथा -1/2 संभव हैं और इस प्रकार दो सम्भावनाए हो सकती हैं |
तथा इससे यह भी स्पष्ट हो जाता हैं कि मुख्य कक्ष K में केवल एक ही upkosh (s) हो सकता हैं तथा उसमे विपरीत चक्रण (spin) के 2 electron हो सकते हैं| इसी प्रकार मुख्य कक्ष Lमें n का मान 2 हैं तथा l के मान 0 से 1 हो सकते हैं अर्थात sतथा p upkosh हो सकते हैं|
| उपर की की भांति s upkosh में 2 electron हो सकते हैं तथा l के मान 0 से l हो सकते हैं तथा p upkosh के लिए m के तीन मान संभव हैं-1,0,+1 और आकाशीय अभिविन्यास तीन हो सकते हैं| Px,Py तथा Pz और इन तीनो ही upkosh में विपरीत चक्रण वाले दो-दो electron हो सकते हैं|
इस प्रकार Lकक्ष में elcetrons की कुल संख्या 8 हो सकती हैं और इनमें किन्ही दो electrons की चारों quantum number समान नहीं होगी|
n=2 l=0 m=0 s=+1/2 S upkosh(2 electron)
n=2 l=0 m=0 s=-1/2 S upkosh(2 electron)
n=2 l=1 m=-1 s=+1/2 P upkosh (6 electron)
n=2 l=1 m=-1 s=-1/2 P upkosh (6 electron)
n=2 l=1 m=0 s=+1/2 P upkosh (6 electron)
n=2 l=1 m=0 s=-1/2 P upkosh (6 electron)
n=2 l=1 m=+1 s=+1/2 P upkosh (6 electron)
n=2 l=1 m=+1 s=-1/2 P upkosh (6 electron)
;. Total 2 + 6 = 8 elecctron |
Hund का नियम उदहारण सहित समझाईये ?
hund’s rule of Maximum multiplicity
“जहाँ तक संभव होता हैं किसी भी upkosh के डिफरेंट orbitlas में electron इस प्रकार प्रवेशित होते हैं कि युग्मित electrons की संख्या अधिकतम रहे तथा इन अयुग्मित electrons का चक्रण समदिश होता हैं|” इस प्रकार किसी भी upkosh के कक्षकों में electrons का युग्मन तब तक नहीं होता,जब तक कि उस upkosh के सभी कक्षक में एक-एक electron नहीं चला अत हैं |
इस नियम के अनुसार किसी भी upkosh के कक्षकों में पहले unpaired electron रहते हैं|यदि कक्षकों की संख्या से electronsकी संख्या अधिक हो तो पहले एक-एक electron सभी orbitals में आयेंगे,तत्पश्चात ऑर्बिटल में electrons की pairing प्रारंभ होगा|
उदहारण के लिए nitrogen atom का electronic configuration हैं-
1s2,2s2,2p3 Hund के नियम के अनुसार p-Orbital के ये तीन Electron प्रत्येक Orbital(px,py,pz)में एक -एक parallel spin के साथ unpaired state में रहते हैं|यदि electron की संख्या में एक वृद्धि होती हैं जैसे (O8)तो px Orbital में Electron की Pairing होती हैं |यह Electron और बढने पर (f9),py Orbital में Electron की Pairing होगी जैसा नीचे दर्शाया गया हैं-
7N 1s2,2s2,2p3
8O 1s2,2s2,2p4
9F 1s2,2s2,2p5
24Cr[Ar]3d54s1
Cr Atom में 6 unpaired होते हैं |
दुसरे शब्दों में,किसी भी Upkosh के Orbital में Electron जोड़े उस समय तक नहीं बनते जब तक सभी Orbitals में एक-एक Electron ना आ जाये|इन सभी Single Electrons के Spin समान होते हैं|
तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास बताइए
Atom के Electronic Configuration का मतलब होता हैं, Atom के डिफरेंट Orbital में Electrons का Distribution|इसके लिए ऑफ़ बाऊ सिद्धांत,hund law तथा पाउली का सिद्धांत का उपयोग किया जाता हैं|इन तीनो नियमों के अनुसरण करते हुए तत्वों का electronic configuartion विन्यास निम्नांकित प्रकार से लिखा जा सकता हैं-

