classification of errors-त्रुटियों का वर्गीकरण 23 Useful

classification of errors-त्रुटियों का वर्गीकरण 23 Useful
classification of errors

classification of errors-त्रुटियों का वर्गीकरण 23 Useful. ये वे त्रुटियाँ हैं जिनका प्रभाव किसी प्रयोग के परिणाम पर पड़ता है। इन्हें हम साधारणत: परिमित (determinate) एवं अपरिमित (indeterminate) त्रुटियों में विभक्त कर सकते हैं।

classification of errors-त्रुटियों का वर्गीकरण 23 Useful

(A) परिमित या नियत या स्थिर त्रुटियाँ (Determinate or constant errors) :–

ये वे त्रुटियाँ हैं जिन्हें या तो टाला जा सकता है या फिर इनके परिमाण को ज्ञात किया जा सकता है, इनमें से सर्वाधिक महत्वपूर्ण निम्न है-

1. क्रियात्मक या व्यक्तिगत त्रुटियाँ (Operational or Personal errors) :–

ये वे उन कारणों के फलस्वरूप होता है, जिनके लिए प्रयोगकर्त्ता स्वयं जिम्मेदार होता है और इनका संबंध प्रायोगिक विधि से नहीं होता है। उदाहरण के लिए, विश्लेषण के दौरान विभिन्न पदों में पदार्थों की यांत्रिक कमी, अवक्षेप का कम या अधिक धोया जाना, अवक्षेप का प्रज्वलन उचित ताप पर न किया जाना, तौलने के पहले क्रुसिबल को पर्याप्त रूप से ठण्डा नहीं करना, तौलने के पहले या तौलते समय आर्द्रताग्राही पदार्थों के द्वारा आर्द्रता ग्रहण करने दिया जाना तथा ऐसे प्रतिकारकों को उपयोग में लाया जाना जिनमें कि नुकसानप्रद अशुद्धियाँ विद्यमान है ।

classification of errors-त्रुटियों का वर्गीकरण 23 Useful

प्रयोगकर्ता की व्यक्तिगत किसी शारीरिक कमजोरी के कारण कोई अवलोकन का ठीक-ठीक न ले जाने के फलस्वरूप व्यक्तिगत त्रुटियाँ आती है। इस तरह से कुछ लोग दृष्टि योग्य अनुमापनों में होने वाले रंगों के परिवर्तन को तीक्ष्णतापूर्वक नहीं पहचान पाते हैं जिसके फलस्वरूप अंत बिन्दु के सही मान से कुछ अधिक मान आ सकता है।

व्यक्तिगत त्रुटियों में वे मनोवैज्ञानिक त्रुटियाँ भी आती है जो कि कभी-कभी प्रयोगकर्त्ता में कोई कि वे नियम से जहाँ तक संभव हो सके वस्तुनिष्ठ (Objective) हो और प्रायोगिक आकलनों में किसी भी त खास पाठ्यांक के प्रति अभिनति (bias) के फलस्वरूप होती है। अत: प्रयोगकर्ता को यह हिदायत दी जाती है।के पूर्वामान या अभिनति द्वारा कार्य न करें।

2. उपकरण एवं अभिकारकों संबंधी त्रुटियाँ (Instrumental and reagent error) :-

ये त्रुटियाँ तुला को गलत संरचना, बिना अंशशोधिय या उचित ढंग से अशांकित नहीं किये गये, बाटो या अंशांकित क के उपकरणों या अन्य उपकरणों के उपयोग, प्रतिकारकों की काँच या पोर्सलीन के पात्रों पर अभिक्रिया, जिसके फलस्वरूप बाहरी पदार्थों का समावेश हो पाना, अशुद्धियां युक्त प्रतिकारकों के उपयोग, इत्यादि के फलस्वरूप उत्पन्न होती है।

3. विधि संबंधी त्रुटियाँ (Errors of methods) :–

ये त्रुटियाँ गलत तरीके से नमूने (Sample) का लिया जाना, अभिक्रिया का पूर्ण नहीं होना, इत्यादि द्वारा होता है। मात्रात्मक विश्लेषण में ये त्रुटियाँ निम्न कारण से हो सकती है।

अवक्षेपों की पर्याप्त विलेयता, सह-अवक्षेपण, पश्व-अवक्षेपण, तौले जाने वाले पदार्थ प्रज्वलन के समय अपघटन, या वाष्पीकरण, नियत पदार्थ की अपेक्षा किसी अन्य पदार्थों का अवक्षेण इत्यादि।

आयतनात्मक विश्लेषण में ये त्रुटियों, अभिक्रियाओं का पूर्ण हो पाना, अन्य अभिक्रियाओं का होना स्टाइ कियोमेटी अन्य बिन्दु के मानों में अन्तर इत्यादि के फलस्वरूप होती है।

4. योज्य एवं अनुपातिक त्रुटियाँ (Additive and proportional errors) :-

योज्य त्रुटि का निरपेक्ष मान विश्लेषण करते समय किसी खास घटक को मात्रा पर निर्भर नहीं करता है। योज्य त्रुटियों के उदाहरण, जिस क्रुसीबल में अवक्षेप का प्रज्वलन किया जाता है उसके भार में कमी, बाटों और भारों में त्रुटियाँ है। इस तरह के त्रुटियों की उपस्थिति को हम विभिन्न भार वाले नमूने लेकर प्रदर्शित कर सकते हैं।

classification of errors-त्रुटियों का वर्गीकरण 23 Useful

अनुपातिक त्रुटि का निरपेक्ष मान घटक को मात्रा पर निर्भर करता है। इस तरह से अनुपातिक त्रुटि, किसी प्रामाणिक पदार्थ में उपस्थित अशुद्धि के कारण हो सकती है क्योंकि इसके फलस्वरूप प्रामाणिक विचलन की नॉर्मलता का मान गलत आ सकता है। इसका एक उदाहरण है एल्युमीनियम के ऑक्साइड का प्रज्वलन, 1200°C पर करने से यह अनार्द्र एवं करीब-करीब अनार्द्रताग्राही होता है, इससे कम ताप पर विभिन्न भारों के प्रज्वलन से अनुपातिक त्रुटि का प्रदर्शन होता हैं।

(B) अपरिमित या आकस्मिक त्रुटियाँ (Interminate or accidental errors): –

ये त्रुटियाँ, किसी प्रयोगकर्त्ता द्वारा जहाँ तक सम्भव हो सके, एक सी परिस्थितियों में अधिकतम, सावधानीपूर्वक लिये उत्तरोत्तर मापों में आने वाले किंचित परिवर्तन के द्वारा स्वयं ही प्रदर्शित हो जाती हैं। ये ऐसे कारणों से होती हैं, जिन पर प्रयोगकर्त्ता का कोई नियन्त्रण नहीं होता हैं और जो कि सामान्यतः इतनी अस्पृश्य होती हैं कि इन्हें विश्लेषण द्वारा ज्ञात भी नहीं किया जा सकता हैं।

classification of errors-त्रुटियों का वर्गीकरण 23 Useful

संयोगिक या अनियमित त्रुटियाँ परिणाम एवं चिन्ह (Sign) में अपरिमित होती हैं तथा इनका प्रादुर्भाव किसी नियम का पालन नहीं करता है। संयोगिक त्रुटियाँ बाह्य कारकों के प्रभाव से, जिन पर कि विश्लेषणकर्ता का कोई नियंत्रण नहीं होता है तथा असावधानीपूर्वक कार्य करने के फलस्वरूप दोनों ही कारणों से उत्पन्न हो सकती है।


क्रमबद्ध त्रुटियों के विपरीत, संयोगक त्रुटियों के सुधार के द्वारा न तो रोका जा सकता है और न ही इनका निराकरण भी किया जा सकता है। फिर भी इन्हें सावधानीपूर्वक कार्य कर तथा अवकलों को कई बार दोहराकर, बहुत हद तक कम किया जा सकता हैं।

log meaning in hindi 23 Right Now

इस वेबसाइट पर बी.एससी. प्रथम से लेकर बी.एससी. तृतीय वर्ष chemistry के सारे टॉपिक और प्रैक्टिकल, आल सिलेबस,इम्पोर्टेन्ट प्रशन,सैंपल पेपर, नोट्स chemistry QUIZ मिलेंगे.B.SC.प्रथम वर्ष से लेकर तृतीय वर्ष तक के 20-20 QUESTION के हल मिलेंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published.

*