types of buffer solution 2023 Great

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types of buffer solution

types of buffer solution 2023 Great.(i) जिनका निश्चित pH मान होता है, (ii) जिनको रखे रहने पर pH में कोई परिवर्तन नहीं होता, जल मिलाने पर भी जिनके pH में कोई परिवर्तन नहीं होता तथा (iii) अल्प मात्रा में अम्ल या क्षार मिलाने पर जिनके PH में परिवर्तन नगण्य होता है। बफर विलयन होते हैं।

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“बफर विलयन, वे विलयन हैं, जिन्हें तनु करने पर या जिनमें अम्ल या क्षार की अल्प मात्रा मिलाने पर pH मान में कोई अन्तर नहीं पड़ता है“अर्थात् वे विलयन बफर विलयन हैं, जिनकी pH आरक्षित (Reserved) होती है। बफर विलयनकहलाते हैं।

इन विलयनों में बाहर से अम्ल या क्षार (H+ या OH) मिलाने पर इनका प्रभाव समाप्त करने की प्रक्रिया बफर क्रिया (Buffer action) कहलाती है।

बफर विलयन के प्रकार (Types of Buffer solution) –

बफर विलयन प्राय: दो प्रकार के होते हैं-

(1) अम्लीय बफर विलयन (Acidic buffer solution),
(2) क्षारीय बफर विलयन (Basic buffer solution).

अम्लीय बफर विलयन (Acidic buffer solution)-

अम्लीय बफर, दुर्बल अम्ल एवं इसके प्रबल क्षार से बने लवण के मिश्रित विलयन होते हैं। एसीटिक अम्ल व सोडियम एसीटेट, बोरिक अम्ल तथा इसका लवण बोरेक्स, सिट्रिक अम्ल व इसका लवण सोडियम सिट्रेट आदि अम्लीय बफर के उदाहरण हैं।

बफर क्रिया (Buffer action) –

एसीटिक अम्ल व सोडियम एसीटेट इस प्रकार के बफर का एक अच्छा उदाहरण है। इसमें सोडियम एसीटेट प्रबल विद्युत्-अपघट्य है, जो कि लगभग पूर्णतः आयनित रहता है। वहीं एसीटिक अम्ल, दुर्बल अम्ल होने के कारण बहुत कम वियोजित होता है।

CH3COONa ⇌CH3COO+ Na+ (अधिक आयनित)

CH3COOH →CH3COO+ H+ (कम आयनित)

बफर विलयन में जब अल्पमात्रा में कोई अम्ल मिलाया जाता है तो अम्ल से उत्पन्न H+, आधिक्य में उपस्थित CH3COOसे अभिक्रिया कर CH3COOH बना लेते हैं। दुर्बल अम्ल होने के कारण यह बहुत कम आयनित होता है और इस प्रकार विलयन में H+का सान्द्रण अपरिवर्तित बना रहता है, अतः pH भी परिवर्तित नहीं होता ।

इस बफर विलयन में दूसरी ओर जब कोई क्षार (OH) मिलाया जाता है तो OH आयन वियोजित CH3COOH से अभिक्रिया कर जल व एसीटेट आयन बनाते हैं।

CH3COOH +OH-→H2O+CH3COO

इसके कारण बफर विलयन में बाहर से मिलाये गये OH भी प्रयुक्त हो जाते हैं तथा विलयन के pH में कोई प्रभाव नहीं पड़ता ।

अतः अम्लीय बफर विलयन में H+ मिलाने पर एसीटेट आयन की उपस्थिति के कारण तथा OH मिलाने पर CH3COOH की उपस्थिति के कारण pH अपरिवर्तित बना रहता है।

क्षारीय बफर विलयन (Basic buffer solution) –

क्षारीय बफर विलयन, दुर्बल क्षार तथा इसके प्रबल अम्ल के साथ लवण से मिलाकर बनाये जाते हैं । अमोनियम हाइड्रॉक्साइड तथा अमोनियम क्लोराइड, इस प्रकार के बफर का अच्छा उदाहरण है।

बफर क्रिया (Buffer action) –

क्षारीय बफर के इस उदाहरण में अमोनियम क्लोराइड लवण होने के कारण बहुत आयनित होता है जबकि NH4OH दुर्बल क्षार होने के कारण अत्यन्त कम आयनित होता है।

NH4Cl ⇌NH4++ Cl- (अधिक आयनित)

NH4OH ——→ NH4+ + OH (कम आयनित)

विलयन में अम्ल की अल्पमात्रा मिलाने पर उत्पन्न H+, NH4OH के आधिक्य से अभिक्रिया कर जल व अमोनियम आयन बनाते हैं ।

H+ + NH4OH —→NH4+ + H2O

इसके कारण अम्ल के मिलाने पर भी H+ का सान्द्रण नहीं बढ़ता तथा विलयन का pH अपरिवर्तित रहता है। क्षार (OH) मिलाने पर उत्पन्न OH, विलयन में उपस्थित NH4+ के आधिक्य से अभिक्रिया कर NH4OH बनाते हैं जो कि दुर्बल क्षार होने के कारण अत्यन्त कम आयनित होता है, अतः इसके बनने के कारण हर से मिलाये गये OH भी प्रयुक्त हो जाते हैं व विलयन का pH अपरिवर्तित बना रहता है।

इस प्रकार क्षारीय बफर में अम्ल (H+) मिलाने पर NH4OH की उपस्थिति के कारण तथा क्षार (OH) लाने पर NH4+ की उपस्थिति के कारण pH मान अपरिवर्तित रहता है।

उदासीन बफर (Neutral buffer solution) —

(a) इसमें दुर्बल अम्ल व दुर्बल क्षार के लवण होते हैं। उदाहरण – CH3COONH4, NH4CN आदि ।

(b) अम्लीय लवण व बहुक्षारीय अम्ल के सामान्य लवण का मिश्रण ।

उदाहरण – Na2HPO4 + Na3PO4.

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