Significance of Quantum Numbers in Hindi
प्रमुख क्वांटम संख्याओं का महत्व क्या है?
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!अंक, जिन्हें प्रमुख क्वांटम संख्याएँ कहा जाता है, ऊर्जा के स्तर के साथ-साथ नाभिक से सापेक्ष दूरी को भी दर्शाते हैं।
Atom में किसी electron को complete रूप से express करने के लिए means उसकी position and energy को determine करने के लिए चार constants या integers का use किया जाता हैं, जिन्हें quantum number कहते हैं।
यहां चारो क्वांटम संख्या को निम्न प्रकार से विभाजित किया गया है।क्वांटम संख्या wikipedia in hindi
क्वांटम संख्या meaning in english:-To fully express an electron in an atom,
means to determine its position and energy,
four constants or integers are used,
which are called quantum numbers.
1. Principal Quantum number(n)
2. Azimuthal Quantum number(l)
3. Magnetic Quantum number(m)
4. Spin Quantum number(s)
Significance of Quantum Numbers in Hindi
(1) मुख्य क्वांटम संख्या/मुख्य क्वांटम संख्या definition in hindi/मुख्य क्वांटम संख्या meaning/मुख्य क्वांटम संख्या को स्पष्ट कीजिए/मुख्य क्वांटम संख्या क्या है/मुख्य क्वांटम संख्या की जानकारी/मुख्य क्वांटम संख्या की परिभाषा/मुख्य क्वांटम संख्या क्या होता है/मुख्य क्वांटम संख्या की विशेषताएं/मुख्य क्वांटम संख्या हिंदी में
इसे इंग्लिश में प्रिंसिपल क्वांटम नंबर कहते हैं इसे स्मॉल n के द्वारा denote किया जाता है।
यह किसी दी हुई ऑर्बिट के ENERGY LEVEL तथा नाभिक से उस ऑर्बिट की डिस्टेंस को शो करता है।
अर्थात इससे किसी दिए हुए इलेक्ट्रॉन की एनर्जी तथा न्यूक्लियस से डिस्टेंस denote होती है ।
यह मूल बोर मॉडल के मुख्य आर्बिट्स को दर्शाता है।
इसकी वैल्यू 1,2,3,4 आदि कोई भी integer हो सकता है।
इनका मान बढ़ने से इलेक्ट्रॉन की एनर्जी और उसके सेल्स की रेडियस बढ़ती है ।
क्वांटम संख्या के लिए आइकॉन:-

मुख्य क्वांटम संख्या in english:-quantum sankhya kise kahate hain
[It is called the principal quantum number in English and is denoted by small n.
It shows the ENERGY LEVEL of a given orbit and the distance of that orbit from the nucleus ie
it denotes the energy of a given electron and the distance from the nucleus.
It represents the main orbits of the original Bohr model,
its value can be any integer 1,2,3,4 etc.
Increasing their value increases the energy of the electron and the radius of its cells.]
अभी तक known एलिमेंट के लिए इनके वैल्यू 1,2,3,4,5,6,7 प्राप्त हुए हैं।
जिन्हें क्रमश K,L,M,N,O,P और Q से DENOTE करते हैं।
यदि किसी इलेक्ट्रान के लिए n=2 है तो इससे यह प्रतीत होता है यह इलेक्ट्रान दूसरी कक्षा में हैं ।
मुख्य क्वांटम संख्या उदाहरण/
n=1 का अर्थ हैं lowest level अर्थात K-शैल
n=2 का अर्थ हैं K-शैल से अगली energy level अर्थात L-शैल
n=3 का अर्थ हैं M-शैल
n=4 का अर्थ हैं N-शैल
किसी इलेक्ट्रॉन की प्रिंसिपल क्वांटम नंबर ज्ञात करने के लिए यह देखते हैं,
कि वह इलेक्ट्रॉन atom के किस शैल में उपस्थित है।
यदि M शैल में है तो उस इलेक्ट्रॉन की प्रिंसिपल क्वांटम नंबर तीन होगी n=3 ।
प्रिंसिपल क्वांटम नंबर को परमाणु के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास मैं upkosh के संकेत से पूर्व लिखा जाता है,
जैसे Na के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में subshell s,p आदि से पूर्व लिखे गए अंक 1,2,3 आदि प्रिंसिपल क्वांटम नंबर को दर्शाते हैं ।
1s2,2s2p6,3s1
n (प्रिंसिपल क्वांटम संख्या) का महत्व/क्वांटम संख्या का महत्व
- यह इलेक्ट्रॉन की न्यूक्लियस से एवरेज डिस्टेंस शो करता है मतलब यह है कि यह इलेक्ट्रॉन के क्लाउड के साइज को डिटरमाइंड करता है।
- एक इलेक्ट्रॉन युक्त एटम या आयन डिफरेंट सेल्स की रेडियस निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात कर सकते हैं:-
r = 0.529 n2/Z
- यह किसी आर्बिट में इलेक्ट्रॉन की एनर्जी डिटरमाइंड करता है।एटम के किसी सेल में उपस्थित इलेक्ट्रॉन की एनर्जी निम्न सूत्र की सहायता से ज्ञात करते हैं:-
En =-2 mZ2 e4/n2h2
Significance of Quantum Numbers in Hindi
उपर्युक्त समीकरण से स्पष्ट है कि n का मान इनक्रीस होने से e की वैल्यू डिक्रीज होती है।
- यह मुख्य शैल में इलेक्ट्रॉनों की संख्या देता है।
- एक मुख्य सेल अथवा आर्बिट में अधिकतम 2n2 इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं अतः यदि
n = 1 (K-shell) तो electrons की maximum number = 2 ×12 = 2
n = 2 (L-shell) तो electrons की maximum number = 2 × 22 = 8
n = 3 (M-shell) तो electrons की maximum number = 2 × 32 =18
n = 4 (N-shell) तो electrons की maximum number = 2 × 42 = 32
Azimuthal or subsidiary Quantum Number (दिगंशी क्वांटम)/अज़ीमुथाल क्वांटम नंबर/दिगंशी क्वांटम संख्या
इसे l से प्रदर्शित करते हैं तथा किसी इलेक्ट्रान के upkosh (sub energy level) को भी प्रकट करता है।
यह किसी मुख्य सेल(मुख्य उर्जा स्तर) से सम्बद्ध upkosh(sub energy level ) की संख्या को भी दर्शाता है।
l की वैल्यू n की वैल्यू पर डिपेंड करती है।
n के किसी मान के लिए l के मान 0 से (n – 1) तक होते हैं।
l के अधिक से अधिक 4 मान 0,1,2,3 होते हैं।
जो क्रमश s, p, d और f upkosh या sub energy level को प्रकट करते हैं।
जब n= 1 तो l की value= 0 से (1-1)=0(only एक upkosh,s)
जब n= 2 तो l की value= 0,1(दो upkosh-s & p)
जब n= 3 तो l की value= 0,1,2(three upkosh-s,p,d)
जब n= 4 तो l की value= 0.1,2,3,(four upkosh-s,p,d,f)
ऑर्बिटल | L का मान |
S | 0 |
P | 1 |
D | 2 |
F | 3 |
अत: इन VALUE से यह प्रतीत होता है कि पहले आर्बिट में one upkosh,
दूसरी में दो,
तीसरी में तीन
और चौथी में 4 upkosh होते हैं।
Significance of Quantum Numbers in Hindi
l के अधिक से अधिक चार मान हो सकते हैं इसलिए पांचवी कक्षा में 4 उपकोष हो सकते हैं।
यदि किसी subshell की दिगंशी क्वांटम संख्या दो है।
तो इसका तात्पर्य d upkosh या d sub energy level से होता हैं।
किसी एक upkosh को पूर्ण रूप से व्यक्त करने के लिए दो क्वांटम संख्याओ n तथा l की आवश्यकता पड़ती है।
जैसे p लिखने से केवल p upkosh प्रकट होती है।
जबकि 3p लिखने से निश्चित रूप से प्रकट होता है की यह तीसरी कक्षा की p upkosh है।
यह क्वांटम संख्या upkosh के आर्बिटल्स की आकृति को डिटरमाइंड करती है।
इस क्वांटम संख्या से nucleus के चारों ओर इलेक्ट्रॉनिक cloud का आकाशीय डिस्ट्रीब्यूशन तथा इलेक्ट्रॉन के कोणीय संवेग का ज्ञान होता है।
इसलिए इसे कभी-कभी कोणीय संवेग क्वांटम संख्या भी कहते हैं।
Mvr = h/2πl(l+1) = h/2π.n
वेब मैकेनिक के रूप में दिगंशी क्वांटम संख्या l वाले इलेक्ट्रान द्वारा घेरे गए आर्बिटल्स की आकृति गोलाकार,
डम्बल
या किसी अन्य प्रकार की होती है।
यदि l = 0 तब इसका तात्पर्य s upkoshसे होता है। जो कि स्फेरिकल होता है।
इसी प्रकार l=1 होने पर p upkoshहोता है जो कि डम्बल आकृति का होता है।
तथा l = २ होने पर d upkoshहोता है जो कि डबल डम्बल आकार का होता है।
l=३ होने पर f upkosh होता है जो कांप्लेक्स सेप का होता है।
डिफरेंट upkosh या sub energy level को show करने वाले अक्षर
s,p,d व f एटम स्पेक्टम में पाई जाने वाली विभिन्न रेखाओं को सूचित करने वाले शब्दों
s- sharp p-principal d-diffused और f- फंडामेंटल से लिए गए हैं।
किसी सेल के s p, d व f चारों upkosh से upkosh की energy सबसे कम
तथा f upkoshकी सबसे अधिक होती है।
अत: l का मान
( i) मुख्य shell में upkosh की संख्या,
(ii) किसी के electron काupkosh,
(iii) upkosh की shape तथा
(iv)upkosh में electrons की संख्या (4n+2 )determine करता हैं।
Significance of Quantum Numbers in Hindi
Principal quantum number(n) | Azimuthal quantum number (l) | Subshell | Electrons ki maximum number | |
Subshell name | Shape | |||
n = 1 | 0 | s | spherical | 2 |
n = 2 | 0 1 | S p | Spherical dumble | 2 6 |
n = 3 | 0 1 2 | S p d | Spherical Dumble Double dumble | 2 6 10 |
चुम्बकीय या दिशामन क्वांटम संख्या,m(magnetic quantum number)
इसे m से शो करते हैं.यह किसी upkosh(sub energy level) के electron cloud का विभिन्न field में orientation को व्यक्त करता हैं।इन विभिन्न orientations को ऑर्बिटल कहते हैं।
अत:यह किसी upkosh ( sub energy level)में present orbitals की संख्या एवं orientation शो करती हैं।
M के मान दिगंशी क्वांटम संख्या (l) पर depend करते हैं।
किसी l के लिए m के कुल मान -1 से 1 अर्थात -1,से 0 तथा 0 से 1 होते हैं जिसमे जीरो भी शामिल हैं।
अत: m=-1,0,+1
यदि l=0 तो m=0
,, l=1 तो m= -1,0,+1
,, l=2 तो m= -2,-1 0,+1,+2
इस प्रकार l के किसी मान के लिए m के कुल values की संख्या (2l+1) होती हैं।
अत: यदि l=2 तो m=-2,-1 0,+1,+2 मतलब d-subshell (l=2) में ऑर्बिटल की कुल संख्या 5 होगी।
जिनकी value क्रमश: -2,-1 0,+1,+2होंगी।

किसी भी atomic orbital के opposite spin के अधिक से अधिक 2 electron रह सकते हैं।
इस प्रकार से s,p,d,और f, upkosh में अधिकतम क्रमश: 2,6,10 व् 14 electron रह सकते हैं।
Subenergylevel | दिगंशी क्वांटम संख्या | चुम्बकीय क्वांटम संख्या | Orbitalकी कुल संख्या | Electrons की संख्या |
S | 0 | 0 | 1 | 2 |
P | 1 | -1,0,+1 | 3 | 6 |
D | 2 | -2,-1,0,+1,+2 | 5 | 10 |
F | 3 | -3,-2,-1,0,+1,+2,+3 | 7 | 14 |
M के मान की हेल्प से किसी subshell में orbitals की संख्या तथा उनका orientation ज्ञात किया जा सकता हैं।जैसे -जब l=1 ,तब m के तीन मान होंगे जिन्हें क्रमश: -1,0,+1 से व्यक्त करते हैं।
इस प्रकार से p-upkosh (l=1) में तीन ऑर्बिटल होते हैं जो magnetic field में भिन्न-भिन्न डायरेक्शन में मतलब x,y,z axis के प्रति orientated होते हैं।
इसलिए इन्हें क्रमश:px,py व् pzसे शो किया जाता हैं।
spin quantum number
इस quantum numbers को ‘s’ से denote करते हैं।यह किसी electron का उसके axis पर spin की डायरेक्शन(clockwise या anticlockwise) को प्रकट करता हैं।यह spin electron की energy पर effect डालता हैं।
नाभिक के चारों और किसी ऑर्बिट में घूमता हुआ electron अपने स्वयं के axis पर लट्टू की तरह घूमता रहता हैं।इस प्रोसेस को spin कहते हैं।
electron का spin दो डायरेक्शन दक्षिणावर्त(clockwise) तथा वामावर्त (anticlockwise) में ही possible हैं।electron के spin की दिशा को व्यक्त करने के लिए जिस quantum संख्या का प्रयोग होता हैं,जिसे spin quantum number कहते हैं।
किसी एक orbital में अधिक से अधिक दो electron रह सकते हैं।और spin भी दो टाइप की होती हैं।एक ही ऑर्बिटल में रहने वाले दो electrons के spin opposite डायरेक्शन में होते हैं।
इनकी value +1/2 और -1/2 होती हैं ।दक्षिणावर्त(clockwise) ->+1/2 ,वामावर्त (anticlockwise)->-1/2