Elctronsnehi Pratisthapan Abhikriya kya Hai-इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है?इलेक्ट्रान स्नेही का मतलब जो इलेक्ट्रान से आकर्षण रखता है उसे इलेक्ट्रान स्नेही कहते है| और प्रतिस्थापन मतलब किसी एटम या ग्रुप को हटा कर वहा जुड़ जाना.अतः वह प्रतिस्थापन अभिक्रियाए जो इलेक्ट्रान स्नेही के कारण होती है|इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाए कहलाती है|
Elctronsnehi Pratisthapan Abhikriya kya Hai-इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है?
अभिकर्मक का अर्थ
सबसे पहले हम बात करते है इलेक्ट्रान स्नेही अभिकर्मक की, वह एटम या ग्रुप जिस पर इलेक्ट्रान कम होते या जिस पर + चार्ज होता है वह इलेक्ट्रान स्नेही अभिकर्मक कहलाता है.जैसे की R+,CH3+,NO2+,BF3(उदासीन इलेक्ट्रान स्नेही),आदि .यह किसी अभिक्रिया के बीच बन जाते है.Elctronsnehi Pratisthapan Abhikriya kya Hai
इनके पास +चार्ज यह दर्शाता है की इन्हें इलेक्ट्रान की जरुरत है.BF3 उदासीन है इसके पास कुल 6 इलेक्ट्रान है .इसे अपना अष्टक(स्थायी विन्यास प्राप्त करना मतलब अपने आखिरी कक्षक में 8 इलेक्ट्रान पुरे करना )पूर्ण करने के लिए 2 इलेक्ट्रान की जरुरत है.Elctronsnehi Pratisthapan Abhikriya kya Haiअतःयह भी इलेक्ट्रान स्नेही की तरह काम करता है.
नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है
जब की हम इलेक्ट्रान स्नेही अभिक्रियाओ के बारे में अध्ययन कर रहे है ,तो हमें नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन के बारे में पता होना चाहिए.नाभिक स्नेही का मतलब जो नाभिक से आकर्षण रखता है उसे नाभिक स्नेही कहते है,चुकीं नाभिक पर + चार्ज होता है|Elctronsnehi Pratisthapan Abhikriya kya Hai
इसलिए इनपर नेगेटिव चार्ज होता है क्योंकि पॉजिटिव चार्ज को अपनी और आकर्षित करते है या हम ऐसा कह सकते है की ये रासानिक बंध बनाने के लिए एक इलेक्ट्रान युग्म प्रदान करते है.
SN1 SN2 अभिक्रिया में अंतर
नाभिक स्नेही अभिक्रियाये दो प्रकार की होती है.इन दोनों में यह अंतर है की :-
SN1 -एक अणुक नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन :

इन रिएक्शन में लीविंग ग्रुप निकल जाता है,और कार्बोकेटायन बनता है और इस कार्बोकेटायन पर नाभिक स्नेही आक्रमण कर उत्पाद बनाता है|इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है?
2.SN2-द्वि अणुक नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन :

केमिकल रिएक्शन क्या है
जब दो अभिकारक आपस में क्रिया करके नए या विभिन्न रासानिक गुण वाले पदार्थ बनाते उसे केमिकल रिएक्शन कहते है.इस ब्लॉग में हम कई प्रकार की केमिकल रिएक्शन का अध्ययन करेंगे.इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है?
Elctronsnehi Pratisthapan Abhikriya kya Hai-इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है?
अब हम वापस अपने टॉपिक पर आते है.कौन-कौन सी इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाए होती है वो इस प्रकार है :-
- नाइट्रीकरण
- सल्फोनीकरण
- क्लोरींनेशन
- फ्रिडेल-क्राफ्ट्स एल्किलेशन
- फ्रिडेल-क्राफ्ट्स अश्लेसन(acylation)
- etc.
नाइट्रीकरण:
जब बेंजीन नाइट्रिक एसिड से सल्फ्यूरिक एसिड की उपस्थिति में रिएक्शन करता है तो नाइट्रौ बेंजीन उत्पाद के रूप में बनता है.इसे नाइट्रीकरण कहते है.

यह इलेक्ट्रॉन स्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया है.इसे समझने के लिए इसकी रिएक्शन मैकेनिज्म देखते है जो इस प्रकार है :-
सबसे पहले सान्द्र नाइट्रिक एसिड,सल्फ्यूरिक एसिड से रिएक्शन करके इलेक्ट्रो फाइल (NO2+) बनाता है.

फ्रिडेल-क्राफ्ट्स एल्किलेशन:
जब बेंजीन ,मिथाइल क्लोराइड से निर्जलAlCl3की उपस्थिति में रिएक्शन करता है,तो टालूइन बनता है और HCl साइड उत्पाद बनता है.इस अभिक्रिया में मिथाइल कार्बोकेटायन(CH3+)इलेक्ट्रो फाइल का काम करता है.CH3+ द्वारा बेंजीन से एक हाइड्रोजन को प्रतिस्थापित करके उत्पाद बनता है.

