दिए गए कार्बनिक मिश्रण को प्रथक कर यौगिक A और B का क्रमबद्ध परिक्षण कर पहचान-1
दिए गए कार्बनिक मिश्रण को प्रथक कर यौगिक A और B का क्रमबद्ध परिक्षण कर पहचान-1.यह ब्लॉग बी.एससी.अंतिम वर्ष के chemistry प्रैक्टिकल से रिलेटेड हैं.यह4th प्रैक्टिकल हैं.इस प्रयोग में किसी कार्बनिक मिश्रण को पहले प्रथक करना हैं फिर यौगिक A और B का क्रमबद्ध परिक्षण कर पहचान करना हैं.
दिए गए कार्बनिक मिश्रण को प्रथक कर यौगिक A और B का क्रमबद्ध परिक्षण कर पहचान.
लैब में किसी कार्बनिक यौगिक की पहचान करने के लिए इसका सिलसिलेवार परिक्षण करना पड़ता हैं.इस प्रयोग में सबसे पहले कार्बनिक मिश्रण को प्रथक कर यौगिक को Aऔर B नाम दिया जाता हैं.फिर यौगिक A और B का क्रमबद्ध परिक्षण कर पहचान करना होता हैं.प्रथक करने के लिए किस साल्वेंट का उपयोग करना हैं इसका पता करने के लिए नीचे दी अवलोकन सारणी के अनुसार परिक्षण करना होता हैं.
क्रमांक | प्रयोग | अवलोकन | निष्कर्ष |
1 | दिए गए कार्बनिक मिश्रण को परखनली में लेकर इसमें NaHCO3 मिलाया | सनसनाहट बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस निकलती हैं.(फिर इसमें सान्द्र HCl मिलाते हैं जिससे विलयन में झाग आता हैं और अवक्षेप बनता हैं.) | -COOH ग्रुप उपस्थित हैं |
2 | दिए गए कार्बनिक मिश्रण को परखनली में लेकर इसमें FeCl3 मिलाया | कोई अवक्षेप नहीं आता | फिनोलिक समूह अनुपस्थित |
3 | दिए गए कार्बनिक मिश्रण को परखनली में लेकर इसमें NaOH मिलाया | NH3 गैस नहीं बनती हैं. | एमाइड समूह अनुपस्थित |
उपर दिए गए अवलोकन सारणी के अनुसार कार्बनिक मिश्रण में -COOH समूह उपस्थित हैं एवं विलयन में सान्द्र HCl मिलाने पर यह पुन:अवक्षेपित हो रहा हैं अत:इस कार्बनिक मिश्रण को NaHCO3 से प्रथक करते हैं.
एक बीकर में दिया सम्पूर्ण कार्बनिक मिश्रण को लेकर इसमें NaHCO3 मिलते हैं और 20 से 25 मिनट तक अच्छे से हिलाते हैं.फिर इसे फ़िल्टर पेपर की सहायता से छान लेते हैं.फ़िल्टर पेपर पर बचा अवक्षेप यौगिक A कहलाता हैं और बीकर में छनने के बाद बचा विलयन यौगिक B कहलाता हैं.
फिर यौगिक A को नीचे दिए अनुसार क्रमबद्ध परिक्षण करते हैं .और A को पूर्णत:पहचानने के बाद यौगिक बी के विलयन में सान्द्र HCL मिलाकर उसे पुन:अवक्षेपित करके यौगिक B का सिलसिलेवार परिक्षण कर पहचान लेते हैं.
यौगिक A
लैब में किसी कार्बनिक यौगिक की पहचान करने के लिए इसका सिलसिलेवार परिक्षण करना पड़ता हैं.सबसे पहले फिजिकल रूप से compound को पहचाना जाता हैं.इसे इस प्रकार लिख जाता हैं:-
फिजिकल स्टेट :-
कलर — येलो क्रिस्टलिय
गंध — विशिष्ट गंध
विलेयता –जल में अघुलनशील
ज्वलन परिक्षण— काले धूम्र के साथ जलता हैं(एरोमेटिक यौगिक )ज्वलन परिक्षण के लिए एक ग्लास रॉड पर compound लेकर उसे गर्म करते हैं यदि स्वेत धूम्र के साथ जलता है तो ऐलिफैटिक यदि काले धूम्र के साथ जलता हैं तो एरोमेटिक यौगिक होता हैं.दिया गया यौगिक काले धूम्र के साथ जाता हैं अत:यह एरोमेटिकयौगिक हैं.
तत्वों का परिक्षण :-
दिया गया एरोमेटिकयौगिक हैं.अत:इसमें बेंजीन रिंग होती हैं. अब यह पता करना हैं कि इसमें कोई विषम तत्व हैं या नहीं इसके लिए तत्वों का परिक्षण करते हैं.इसके लिए सोडियम निष्कर्ष बनाके इसके तीन भाग करते हैं.और इन तीन भागों से N,Sऔर हलोजन का परिक्षण करेंगे.
सोडियम निष्कर्ष बनाने क विधि:-
सूखी सोडियम धातु के एक छोटे टुकड़े को कार्बनिक यौगिक के साथ फ्यूजन ट्यूब में 2-3 मिनट के लिए गर्म किया जाता है और लाल गर्म ट्यूब को चाइना डिश में निहित आसुत जल में डुबोया जाता है। चाइना डिश में निहित सामग्री को उबालकर ठंडा करके छान लिया जाता है।इसे ही सोडियम निष्कर्ष कहते हैं. इस सोडियम निष्कर्ष के तीन भाग करते हैं.और इसी के द्वारा N,S और हलोजन का परिक्षण करते हैं.
क्रमांक | प्रयोग | अवलोकन | निष्कर्ष |
1. | सोडियम निष्कर्ष के एक भाग में ताजा बना FeSO4 विलियन मिलाया फिर इसमें सांद्र H2SO4 के साथ अम्लीकृत किया जाता है। | प्रशिया नीला रंग आता हैं. | नाइट्रोजन की उपस्थिति को इंगित करता है। |
2. | सोडियम निष्कर्ष के दुसरे भाग मेंसोडियम नाइट्रोप्रासाइड की कुछ बुँदे मिलाते हैं. | बैंगनी रंग नहीं आया | सल्फर की अनुपस्थिति को दर्शाता है। |
3. | सोडियम निष्कर्ष के तीसरे भाग मे तनु HNO3 मिलाते हैं.और फिर इसमें AgNO3 मिलाते हैं. | सफेद अवक्षेप नहीं आता हैं. | Cl अनुपस्थित हैं. |
दिए गए यौगिक में नाइट्रोजन तत्व उपस्थित हैं.इसके आगे यह पता करना हैं कि इसमें क्रियात्मक समूह कोनसा हैं.चूँकि यौगिक एरोमेटिक हैं और इसमें नाइट्रोजन उपस्थित हैं. इसलिए हम ऐसे क्रियात्मक समूह का टेस्ट लगायेंगे जो एरोमेटिक हो एवं नाइट्रोजन उपस्थित हो.
क्रियात्मक समूह का परिक्षण
अवलोकन सारणी
क्रमांक | प्रयोग | अवलोकन | निष्कर्ष |
1. | इसे कन्फर्म करने का पहला टेस्ट यह कि परखनली में कंपाउंड लेकर इसमें NaOH मि लाया | येलो कलर आता हैं | नाईट्रो (NO2) को इंडीकेट करता हैं. |
(ii) | दूसरा प्रयोग मुलिकन टेस्ट के नाम से जाना जाता हैं.इस प्रयोग में परखनली में थोडा कंपाउंड लेकर इसमें थोडा अल्कोहल मिलाया फिर इसमें CaCl2 मिलाकर इसमें थोडा जिंक पाउडर मिलकर गर्म करके ठंडा किया फिर इसमें tollent reagent मिलाया | ग्रे कलर आता हैं | नाईट्रो ग्रुप को कन्फर्म |
विशिष्ट परिक्षण:-अब हमें यह पता चल गया हैं कि दिया यौगिक में क्रियात्मक समूह नाईट्रो ग्रुप समूह उपस्थित हैं.अत:यह यौगिक NITRO BENZENE हो सकता हैं.लेकिन NITRO BENZENE liquid फॉर्म में रहता हैं अत: हम META DI NITRO BENZENE का test लगाकर देखेंगे .
अवलोकन सारणी
क्रमांक | प्रयोग | अवलोकन | निष्कर्ष |
1 | परखनली में 1 ml पदार्थ का liquid लेकर उसमे nitrating मिश्रण मिलाकर परखनली को 15 मिनट गरम जल में रखकर गर्म करते हैं.फिर इसे अच्छे से हिलाकर .इसे एक बीकर में कुछ ठन्डे जल में डालते हैं. | येलो अवक्षेप आता हैं | यह META DI NITRO BENZENEकी उपस्थिति को कन्फर्म करता हैं. |
अब हम 95% कन्फर्म हो गए हैं कि दिया यौगिक META DI NITRO BENZENE हैं.इसे और कन्फर्म करने के लिए इसका मेल्टिंग point निकालते हैं.जो 89.6 °C आता हैं.
यह कार्बनिक यौगिक(A)META DI NITRO BENZENE हैं.
यौगिक B
लैब में किसी कार्बनिक यौगिक की पहचान करने के लिए इसका सिलसिलेवार परिक्षण करना पड़ता हैं.इस प्रयोग में बीकर में शेष बचा विलयन यौगिक B हैं इसमें सान्द्र HCl मिलते हैं जिससे विलयन का अवक्षेप बन जाता हैं इसे छान कर इसका सिलसिलेवार परिक्षण करना होता हैं:-
सबसे पहले फिजिकल रूप से compound को पहचाना जाता हैं.इसे इस प्रकार लिखा जाता हैं:-
फिजिकल स्टेट :-
कलर –स्वेत क्रिस्टलिय
गंध — विशिष्ट गंध
विलेयता –जल में अल्प घुलनशील
ज्वलन परिक्षण–काले धूम्र के साथ जलता हैं( एरोमेटिक यौगिक)ज्वलन परिक्षण के लिए एक ग्लास रॉड पर यौगिक लेकर उसे गर्म करते हैं यदि स्वेत धूम्र के साथ जलता है तो ऐलिफैटिक यदि काले धूम्र के साथ जलता हैं तो एरोमेटिक यौगिक होता हैं.दिया गया compound काले धूम्र के साथ जाता हैं अत:यह एरोमेटिक यौगिक हैं.
तत्वों का परिक्षण :-
दिया गया यौगिक एरोमेटिक हैं अब यह पता करना हैं कि इसमें कोई विषम तत्व हैं या नहीं इसके लिए तत्वों का परिक्षण करते हैं.इसके लिए सोडियम निष्कर्ष बनाके इसके तीन भाग करते हैं.और इन तीन भागों से N,Sऔर हलोजन का परिक्षण करेंगे.
सोडियम निष्कर्ष बनाने क विधि:-
सूखी सोडियम धातु के एक छोटे टुकड़े को कार्बनिक यौगिक के साथ फ्यूजन ट्यूब में 2-3 मिनट के लिए गर्म किया जाता है और लाल गर्म ट्यूब को चाइना डिश में निहित आसुत जल में डुबोया जाता है। चाइना डिश में निहित सामग्री को उबालकर ठंडा करके छान लिया जाता है।इसे ही सोडियम निष्कर्ष कहते हैं. इस सोडियम निष्कर्ष के तीन भाग करते हैं.और इसी के द्वारा N,S और हलोजन का परिक्षण करते हैं.
क्रमांक | प्रयोग | अवलोकन | निष्कर्ष |
1. | सोडियम निष्कर्ष के एक भाग में ताजा बना FeSO4 विलियन मिलाया फिर इसमें सांद्र H2SO4 के साथ अम्लीकृत किया जाता है। | प्रशिया नीला रंग नहीं आता हैं. | नाइट्रोजन की अनुपस्थित को इंगित करता है। |
2. | सोडियम निष्कर्ष के दुसरे भाग में आयरन बेन्जोएटकी कुछ बुँदे मिलाते हैं. | बैंगनी रंग नहीं आया | सल्फर की अनुपस्थिति को दर्शाता है। |
3. | सोडियम निष्कर्ष के तीसरे भाग मे तनु HNO3 मिलाते हैं.और फिर इसमें AgNO3 मिलाते हैं. | सफेद अवक्षेप नहीं आता हैं. | Cl अनुपस्थित हैं. |
दिए गए यौगिक में कोई भी तत्व उपस्थित नहीं हैं.इसके आगे यह पता करना हैं कि इसमें क्रियात्मक समूह कोनसा हैं.चूँकि यौगिक एरोमेटिक हैं और इसमें कोई भी तत्व उपस्थित नहीं हैं. इसलिए हम ऐसे क्रियात्मक समूह का टेस्ट लगायेंगे जो एरोमेटिक हो एवं कोई भी तत्व उपस्थित नहीं हो.
क्रियात्मक समूह का परिक्षण
अवलोकन सारणी
क्रमांक | प्रयोग | अवलोकन | निष्कर्ष |
1. | यौगिक के जलीय विलयन में NaHCO3 मिलाया | सनसनाहट,बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस निकलती हैं. | यह कार्बोक्सीलीक की उपस्थिति को कन्फर्म करता हैं. -COOH |
अब हमें यह पता चल गया हैं कि दिया यौगिक में क्रियात्मक समूह कार्बोक्सीलीक समूह उपस्थित हैं.अत:यह यौगिक बेन्ज़ोइक अम्लहो सकता हैं.
विशिष्ट परिक्षण:-
अवलोकन सारणी
क्रमांक | प्रयोग | अवलोकन | निष्कर्ष |
पदार्थ के अम्ल के 1 cc उदासीन विलयन में 3-4 बुँदे FeCl3की डाली . | हलके भूरे रंग का(आयरन बेन्जोएट ) अवक्षेप आता हे जो तनु HCl में विलय हैं. | यह बेन्ज़ोइक अम्ल की उपस्थिति को कन्फर्म करता हैं. C6H5COOH |
अब हम 95% कन्फर्म हो गए हैं कि दिया यौगिक बेन्ज़ोइक अम्ल हैं.इसे और कन्फर्म करने के लिए इसका मेल्टिंग point निकालते हैं.जो 122.4 °C आता हैं.
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