परमाणु क्रमांक 21 से 30 तक के तत्वों में किन तत्वों के विन्यास अपवादस्वरूप पाए क्यों ?समझाइए ?

परमाणु क्रमांक 21 से 30 तक के तत्वों में किन तत्वों के विन्यास अपवादस्वरूप पाए क्यों ?समझाइए ?
परमाणु क्रमांक 21 से 30 तक के तत्वों में किन तत्वों के विन्यास अपवादस्वरूप पाए क्यों समझाइए

परमाणु क्रमांक 21 से 30 तक के तत्वों में किन तत्वों के विन्यास अपवादस्वरूप पाए क्यों ?समझाइए ?अथवा, अर्धपूरित तथा पूर्णपूरित आर्बिटेलों वाले तत्वों का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास स्थायी होता है। ऐसा क्यों ? यह ब्लॉग बीएससी प्रथम वर्ष के विधार्थियो के लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न हैं।यह प्रश्न रसायन शास्त्र प्रथम  पेपर यानि मेजर के प्रथम  पेपर  विषय वाले स्टूडेंट के लिए हैं।यह ब्लॉग  प्रथम पेपर के यूनिट 1 का हैं।

परमाणु क्रमांक 21 से 30 तक के तत्वों में किन तत्वों के विन्यास अपवादस्वरूप पाए क्यों ?समझाइए ?

उत्तर- परमाणु क्रमांक 21 से 30 तक के लगभग सभी तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ऑफबाऊ एवं हुण्ड के नियम के अनुरूप होते हैं, किन्तु कुछ तत्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास अपवादस्वरूप असामान्य होते हैं,

जैसे- कॉपर (29) और क्रोमियम (24) ।

– कॉपर और क्रोमियम के अपवादिक विन्यास – Cu का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास सैद्धान्तिक रूप से निम्न होना चाहिए

29Cu =1s2,2s22p6, 3s23p6,4s2,3d9

परन्तु वास्तव में Cu का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नानुसार होता

29 Cu = 1s2,2s22p6, 3s23p6 3d10,4s1

यदि कोई ऑर्बिटल अर्द्धपूरित या पूरित होता है, तो वह ऑर्बिटल अन्य ऑर्बिटल की तुलना में अधिक स्थायी होता है। Cu में 3d कक्षक में 10 इलेक्ट्रॉन होते हैं। अतः 4s2 का एक इलेक्ट्रॉन 3d कक्षक में आकर 3d10 4sl बनाकर Cu को अधिक स्थायी बनाता है। अतः Cu का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 452, 3d10 न होकर 3d10, 4s1 होता है। Cu में केवल 4s1में एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन रहता है।

Cr का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास सैद्धान्तिक रूप से निम्न होना चाहिए-

24 Cr = 1s2,2s2,2p6,3s2,3p6,4s2,3d1

परन्तु Cr का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्न होता है-

24 Cr = 1s2,2s2, 2p6,3s2, 3p6, 3d5, 4sl

परमाणु क्रमांक 21 से 30 तक के तत्वों में किन तत्वों के विन्यास अपवादस्वरूप पाए क्यों ?समझाइए ?

Cr के 4s2 का एक इलेक्ट्रॉन 3d कक्षक में चला जाता है, जिससे 3d कक्षक में 5 इलेक्ट्रॉन हो जाते हैं। तथा कक्षक अर्द्धपूरित हो जाता है, जिससे Cr का स्थायित्व बढ़ जाता है। अत: Cr का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 4s2 3d4 न होकर 3d5 4s1′ होता है। Cr में 3d कक्षक में 5 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन तथा 4s कक्षक में 1 अयुग्मित इलेक्ट्रॉन रहता है।

समान ऊर्जा के अर्द्धपूरित और पूर्णपूरित समभ्रंश ऑर्बिटल (degenerate orbitals) सममित व्यवस्था तथा ऊर्जा विनिमय के कारण निकाय को अतिरिक्त स्थायित्व प्रदान करते हैं। इस प्रकार परमाणु की वे व्यवस्थाएँ जिनमें ऑर्बिटल अर्द्धपूरित या पूर्णपूरित होते हैं, अधिक स्थायी होती हैं।

परमाणु क्रमांक 21 से 30 तक के तत्वों में किन तत्वों के विन्यास अपवादस्वरूप पाए क्यों ?समझाइए ?
परमाणु क्रमांक 21 से 30 तक के तत्वों में किन तत्वों के विन्यास अपवादस्वरूप पाए क्यों ?समझाइए ?

कॉपर व क्रोमियम के समान कुछ अन्य तत्वों के विन्यास भी ऑफबाऊ नियम के अनुसार प्राप्त नहीं होते हैं। इनमें भी अर्द्धपूरित और पूर्णपूरित ऑर्बिटलों के अपेक्षाकृत अधिक स्थायित्व के कारण ऐसा होता है। अर्धपूरित तथा पूर्णपूरित कक्षकों के स्थायित्व के दो कारण होते हैं— (i) कक्षकों की सममिति (Symmetry) तथा (ii) विनिमय ऊर्जा (Exchange energy)।

यदि किसी उपकक्ष में इलेक्ट्रॉन वितरण सममित हो जाये तो उसका स्थायित्व अधिक होगा । Cr के लिए विन्यास है। 4s1‘ 3d5 ‘ तथा Cu के लिए 4s13d10 विन्यासों में इलेक्ट्रॉन वितरण उपकक्षा सममित रहता है, अतः ये स्थायी विन्यास हैं।

इसी प्रकार, किसी उपकक्षा में सभी कक्षकों की ऊर्जा समान होती है। अतः इलेक्ट्रॉन एक उपकक्षा के कक्षकों से अपना स्थान बदल सकते हैं। इस प्रक्रिया में ऊर्जा में कमी होती है, जिसे विनिमय ऊर्जा कहते हैं। इलेक्ट्रॉनिक विन्यास में परिवर्तन में जितनी अधिक विनिमय ऊर्जा प्राप्त होगी, विन्यास उतना ही अधिक स्थायी होगा। आधे भरे या पूरे भरे कक्षकों की अवस्था में अधिकतम विनिमय ऊर्जा प्राप्त होती है। अतः ये विन्यास अधिक स्थायी हैं।

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