ortho para and meta directing group in Hindi.बेंजीन की ओर्थो,पैरा और मेटा पोजीशन पर कोनसा इलेक्ट्रो फाइल समूह आकर ऐड होगा. इसका निर्धारण करने वाले समूह को directing group कहते है.अगर इलेक्ट्रो फाइल समूह बेंजीन की और ortho para पोजीशन पर ऐड होता है. तो उसे ortho para directing group कहते है.और यदि मेटा पोजीशन पर ऐड होता है. तो उसे meta directing group कहते है.
Ortho Para And Meta Directing Group In Hindi
सबसे पहले यह मालूम होना चाहिए की बेंजीन में ओर्थो ,मेटा और पैरा पोजीशन क्या होती है.जो इस प्रकार है:-
ortho, para meta positions
ortho, meta, para meaning:-
स्ट्रक्चर से स्पस्ट है की बेंजीन में 2 नंबर की पोजीशन को ओर्थो कहते है .3 नंबर की पोजीशन मेटा कहलाती है.और 4 नंबर की पैरा कहलाती है.
What are ortho para directors?
बेंजीन से जुड़े कुछ ग्रुप इलेक्ट्रान आकर्षित करने वाले होते और कुछ ग्रुप इलेक्ट्रान प्रतिकर्षण करने वाले होते है.ऐसे कुछ ग्रुप इस प्रकार है:
- इलेक्ट्रान आकर्षित ग्रुप- NO2, -NR3+, -NH3+, -SO3H, -CN, -CO2H, -CO2R, -COH, -X (Halogens)
- इलेक्ट्रान प्रतिकर्षण ग्रुप--O–, -NR2, -NH2, -OH, -OR, -R,-CH3
ओर्थो,पैरा directors ग्रुप इलेक्ट्रान प्रतिकर्षण ग्रुप होते है.O–, -NR2, -NH2, -OH, -OR, -R,-CH3 .यह समूह इलेक्ट्रान को प्रतिकर्षित करते है.बाहरी समूह से जब इलेक्ट्रान का फ्लो बेंजीन रिंग की तरफ होता है तो पैरा और ओर्थो कंडीशन पर इलेक्ट्रान घनत्व बड जाता है.जिससे आना वाला इलेक्ट्रो फाइल ओर्थो और पैरा पोजीशन पर एलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया करता है.
ओर्थो पैरा समूह में एलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया के समय अनुनाद संरचना ज्यादा बनती हे कुल 4 सरचना बनती है.इसलिए ओर्थो पैरा जायदा स्टेबल होता है.अगर इसकी मेटा पोजीशन की बात करे तो केवल 3 अनुनाद सरचना पॉसिबल है.
टोलुइन में ओर्थो पैरा निदेशक समूह का स्पष्टीकरण:

यह उदाहरण में टोलुइन पर मिथाइल समूह लगा है.जो इलेक्ट्रान प्रतिकर्षण ग्रुप है जो इलेक्ट्रान को बेंजीन रिंग की और शिफ्ट करता है.जिससे बेंजीन की ओर्थो पोजीशन पर इलेक्ट्रान घनत्व(नेगेटिव चार्ज ) बड जाता है.जो अनुनाद के द्वारा ओर्थो पैरा और ओर्थो पोजीशन पर इलेक्ट्रान घनत्व बड़ा देता (चित्र से स्पस्ट ).ऐसी कंडीशन में आने वाला इलेक्ट्रो फाइल ओर्थो और पैरा पोजीशन पर जुड़ कर प्रोडक्ट में परिवर्तित होता है.अर्थात मुख्या रूप से ओर्थो और पैरा प्रोडक्ट देता है.
सक्रियकारी समूह :
उपर दी रिएक्शन से क्लियर है की CH3 समूह से इलेक्ट्रान की शिफ्टिंग बेंजीन रिंग तरफ हो रही है.और ओर्थो पैरा और ओर्थो पर इलेक्ट्रान घनत्व बड जाता है.कुल मिलाकर पूरी बेंजीन रिंग पर इलेक्ट्रान डेंसिटी बड जाने के कारन यह बेंजीन रिंग सक्रिय हो जाती है. और आसानी से एलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया करती है.इस लिए इस समूह को सक्रियकारी समूह भी कहते है.
फिनॉल में ओर्थो पैरा निदेशक समूह का स्पष्टीकरण

ऐनलीन में ओर्थो पैरा निदेशक समूह का स्पष्टीकरण:

Meta directing groups is:
Meta directors ग्रुप इलेक्ट्रान आकर्षित ग्रुप होते है.– NO2, -NR3+, -NH3+, -SO3H, -CN, -CO2H, -CO2R, -COH, -X (Halogens).बेंजीन से लगा ऐसा समूह रिंग से इलेक्ट्रान को आकर्षित करते है.जिससे इलेक्ट्रान का फ्लो बेंजीन रिंग से बाहरी समूह की तरफ हो जाता है.जिससे से रिंग की ओर्थो एंड पैरा पोजीशन पर + आवेश आ जाता है.या यु कह लीजिये इलेक्ट्रान घनत्व कम हो जाता है.इसे चित्र द्वारा समझते है.

Why Nitro group is meta directing:
मेटा निर्देशक समूह में बेंजीन रिंग से इलेक्ट्रॉन्स का फ्लो बाहरी समूह की तरफ होता है. जिसके कारण ओर्थो पोजीशन पर +चार्ज आ जाता है अनुनाद के द्वारा ओर्थो से पैरा और पैरा से फिर ओर्थो पर जाता है.जिससे बेंजीन रिंग में इलेक्ट्रान घनत्व कम हो जाता है.कुल मिलाकर बेंजीन रिंग एलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन अभिक्रिया के लिए असक्रिय हो जाती है.रेयर केस में मेटा पोजीशन पर इलेक्ट्रान घनत्व होता हे इस लिए NO2 जो इलेक्टो फाइल है.वो मेटा पर जुड़ जाता है.इसलिए NO2 समूह मेटा निर्देशक समूह है.

इस प्रकार से इस ब्लॉग में हमने देखा की Ortho Para And Meta Directing Group In Hindi.और भी कुछ स्पेशल उदाहरण बीच-बीच में ऐड करता रहूँगा.आप की कोई इस से रिलेटेड प्रॉब्लम हो तो मेसेज बॉक्स के थ्रू सेंड कर सकते है.इसे शेयर करें फ्रेंड्स और फॅमिली केस साथ में और भी इम्पोर्टेंट टॉपिक आपके साथ शेयर करता रहूँगा.अगर आप लैपटॉप से रिलेटेड कोई इनफार्मेशन चाहते है तो इस लिंक पर क्लिक करें.थैंक यू !