Grignard Reagents | an overview Preparation| Reactions & Organometallic

Grignard Reagents | an overview Preparation| Reactions & Organometallic

Grignard Reagents | an overview Preparation| Reactions & Organometallic.यह ब्लॉग बीएससी सेकंड इयर के मेजर सब्जेक्ट का सेकंड पेपर की III यूनिट का एक महत्वपूर्ण टॉपिक हैं.

ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक मजबूत न्यूक्लियोफिलिक गुण प्रदर्शित करते हैं।कार्बनिक रसायन विज्ञान के क्षेत्र में यह अत्यंत उपयोगी ऑर्गोमेटेलिक यौगिक हैं।यह नए कार्बन-कार्बन बांड बनाने की क्षमता भी रखते हैं।

इससे सम्बंधित एक टर्म हैं हॉसर बेस(Hauser base) इसका मतलब जब ग्रिग्नार्ड reagent के एक अल्काइल ग्रुप को एक एमिडो ग्रुप द्वारा प्रतिस्थापित किया जाता हैं,तो प्राप्त यौगिक को हॉसर बेस(Hauser base) कहा जाता है।ये यौगिक अपने ग्रिग्नार्ड की तुलना में और भी अधिक न्यूक्लियोफिलिक हैं।

Grignard Reagents | an overview Preparation| Reactions & Organometallic.

ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक से क्या समझते हैं ?

इसे रासायनिक सूत्र ‘R-M-X’ द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है।जहाँ R एक एल्कील या एरील समूह को प्रदर्शित करता हैं और X-हलोजन को प्रदर्शित करता हैं। यह एक ओर्गेनो मेगनीसियम कंपाउंड हैं।

यह एरिल हैलाईड या एल्कील हैलाईड की मेग्निसियम(Mg) के साथ रिएक्शन से बनता हैं।सिंथेटिक रसायन विज्ञान में इस योगदान के महत्व को बहुत पहले ही पहचान लिया गया था ।वर्ष 1912 में फ्रांसीसी रसायनज्ञ विक्टर ग्रिग्नार्ड को इन अभिकर्मकों की खोज के लिए रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार मिला था।

ऑर्गोमेटेलिक अभिकर्मक पिछले 100 वर्षों के दौरान सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले अभिकर्मक में आता हैं।ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक आमतौर पर डायथाइल ईथर (CH3CH2O─CH2CH3) में तैयार किए जाते हैं।

प्रतिक्रिया के लिए एक ईथर विलायक आवश्यक है।

हैलोऐल्केन और अन्य यौगिकों के साथ हैलोजन परमाणु या तो sp3-संकरित या SP2-संकरित कार्बन परमाणुओं (एरिल और विनाइल हैलाइड्स) से बंधे होते हैं, मैग्नीशियम धातु के साथ प्रतिक्रिया करके ग्रिग्नार्ड अभिकर्मकों नामक ऑर्गोमैग्नेशियम हैलाइड प्राप्त करते हैं।

PREPARATION OF GRIGNARD REAGENT

नीचे दिए कुछ पॉइंट के अनुसार ग्रिग्नार्ड अभिकर्मकों को बनाया जाता हैं। जिनमे से कई अभिकर्मकों को व्यावसायिक रूप से भी खरीदा जा सकता है।

मैग्नीशियम पर कार्बनिक हलाइड्स जैसे कि एल्काइल या एरिल हैलाइड के साथ रिएक्शन करके इन अभिकर्मकों को बनाया जाता हैं।

उपरोक्त अभिक्रिया ईथर से युक्त सॉल्वैंट्स की उपस्थिति में किया जाता है (जिसे फॉर्मूला ईथर R-O-R) क्योंकि इन विलायको द्वारा दिए गए लिगंड ऑर्गोमैग्नेशियम यौगिक के स्थिरीकरण में मदद करते हैं।

इस प्रक्रिया को हवा से मुक्त परिस्थितिओं में किया जाना चाहिए क्योंकि पानी और हवा इस संश्लेषण के लिए बहुत हानिकारक हैं।

पानी और हवा इस संश्लेषण के लिए बहुत हानिकारक हैं और प्रोटोनोलिसिस या अभिकर्मक के ऑक्सीकरण के माध्यम से बनने वाले ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक को जल्दी से नष्ट कर सकते हैं।

इसलिए, प्रक्रिया को हवा से मुक्त परिस्थितियों में किया जाना चाहिए।

औद्योगिक रूप से ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक का उत्पादन करते समय विचार करने के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है।प्रक्रिया काफी एक्ज़ोथिर्मिक हो सकती है।

एरिल फ्लोराइड्स और एल्काइल फ्लोराइड्स बहुत प्रतिक्रियाशील नहीं हैं और इसलिए आमतौर पर इनका उपयोग नहीं किया जाता है।

Formation of Grignard Reagent

शुष्क ईथर की उपस्थिति में एल्कील हैलाईड की मेग्नसियम पर क्रिया से ग्रिग्नार्ड reagent को बनाया जाता हैं।

R-X + Mg —ईथर —–>R—-Mg—-X(ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक )

CH3I + Mg—-ईथर—–CH3MgI(methyl magnesium iodide)

C2H5Br + Mg—-ईथर—–C2H5MgBr(methyl magnesium Bromide)

डिफरेंट एल्कील हैलाईड की ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक बनाने का सरलता का क्रम यह हैं:-

आयोडाइड>ब्रोमाइड>क्लोराइड

एक्सपेरिमेंट :-

एक गोल पेंदी वाले फ्लास्क में 50 ml एल्कोहोल से मुक्त ईथर और मेग्नेसियम चूर्ण 3 ग्राम लेते हैं।फ्लास्क में कैल्सियम क्लोराइड रक्षक नली युक्त एक रिफ्लक्स कंडेंसर लगा देते हैं।(चित्र )

फिर फ्लास्क में कंडेंसर के द्वारा ईथर में घुले हुए एल्कील हैलाईड की कैलकुलेट मात्रा (Mg के लिए एक अणु एल्कील हैलाईड) ड्राप -ड्राप करके डालते हैं।

यदि अभिक्रिया स्टार्ट नहीं होती हैं ,तब इसे जल-उष्मक (water bath) या फ्लास्क में एक-दो पिस आयोडीन के दाल देते हैं,जिससे रिएक्शन स्टार्ट हो जाती हैं।

जब समस्त Mg घुल जाता हैं तब एक स्वच्छ विलयन प्राप्त होता हैं। यही ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक हैं ।

प्रैक्टिकल वर्क के लिए उपर्युक्त ईथरीय विलयन को इनेर्ट(निष्क्रिय) वायुमंडल में वाष्पीकृत करते हैं।

ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक के आद्रताग्राही क्रिस्टल प्राप्त होते हैं,जिनमे दो मॉलिक्यूल ईथर के भी संयोजित रहते हैं ।

ठोस अवस्था में इन्हें बहुत कम प्राप्त किया जाता हैं।

सावधानियां :-

  • उपकरण या अभिकर्मक शुष्क होंना चाहिए,नहीं तो Mgके ऊपर ऑक्साइड की लेयर जम जाती हैं। इसके लिए निम्न कार्य करना चाहिए
  • उपकरण को पूर्ण शुष्क करना जरुरी हैं।
  • ईथर को बार बार जल से धो कर अल्कोहल से मुक्त किया जाना चाहिए।फिर इसे निर्जल कैल्सियम क्लोराइड पर सुखाकर Na या P2O5 (फोस्फोरस पेंटा ऑक्साइड ) के साथ आसवित किया जाना चाहिए।
  • एल्कील हैलाईड को P2O5 के उपर आसवित् किया जाता हैं।
  • Mg चूर्ण को ईथर के साथ धोकर जाता हैं जिससे चिकनाई दूर हो जाती हैं।फिर इसे तनु HCl से धोते हैं जिससे ऑक्साइड फिल्म दूर हो जाती हैं ।लास्ट में इसे 110डिग्री सल्सिउस पर वायु-भट्टी में सुखाते हैं।
  • रिएक्शन शुष्क N के वायुमंडल में करना चाहिए।

गिग्नार्ड अभिकर्मक बनाने में ईथर एक साल्वेंट का कार्य करता हैं।ईथर की एब्सेंस में रिएक्शन रुक जाती हैं,क्योंकि अभिकर्मक एल्कील हैलाईड में अघुलनशील हैं इसलिए Mg के ऊपर जम जाता हैं।

बेंजीन टेट्रा हाइड्रो फयूरेन(Tetra HydroFurane,THF) भी साल्वेंट के रूप यूज़ किया जाता हैं लेकिन ईथर की प्रेसेंस में रिएक्शन सुगमता पूर्वक होती हैं।

संरचना:-

केमिकल रिएक्शन में ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक का बिहेवियर एक एल्कील मैग्नेशियम हैलाईड R–Mg—X के समान होता हैं कि लेकिन रियल में इसके मॉलिक्यूल से ईथर के दो मॉलिक्यूल भी जुड़े रहते हैं।इस ईथर को क्रिस्टलन का ईथर कहते हैं।

ईथरीय विलयन में ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक की संरचना स्पस्ट करने के लिए समय-समय पर अनेक सुझाव दिए गए हैं।

एक सुझाव के अनुसार,गिग्नार्ड अभिकर्मक क्रिस्टल ईथर के साथ निम्न सूत्रों वाले मोनोमर व डाईमर बनाते हैं।

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Grignard Reagents | an overview Preparation| Reactions & Organometallic

formula 1 के अनुसार मोनोमर रूप ईथर के दो मॉलिक्यूल के साथ कोऑर्डिनेटेड रहता हैं।स्ट्रक्चर 1 व 2 ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक के डाईमर रूप हैं जो ईथर में विलायकित रहते हैं ।

संरचना 2 के अनुसार ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक के मॉलिक्यूल का हलोजन एटम,दुसरे मॉलिक्यूल के Mg एटम के साथ उपसंयोजित रहता हैं।

Grignard Reagents | an overview Preparation| Reactions & Organometallic
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संरचना 3 डा ई एल्कील मैग्नीशियम और मैग्नीशियम हैलाईड का 1:1 काम्प्लेक्स हैं। उपर्युक्त यह सुझाव दिया गया हैं कि ईथर विलयन में ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक निम्न साम्य के रूप में विद्यमान रहते हैं।

इसकी पुष्टि रेडियोएक्टिव मेग्नेसियम के यूज़ से होती हैं।

मोनोमर तथा डाईमर ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक ईथर के मॉलिक्यूल के साथ निम्न के अनुसार कोऑर्डिनेटेड रहते हैं।

ईथर के ऑक्सीजन एटम पर दो एकाकी इलेक्ट्रान युग्म विधमान रहते हैं।जिनमे से एक एक एकाकी युग्म अधिक प्रभावशाली उपदाता होता हैं और यह एक एकाकी इलेक्ट्रान युग्म मेग्नेसियम एटम के साथ एक उप-सहसंयोजक बंध के द्वारा Mg से जुड़ जाता हैं।

सामान्य रूप से ग्रिग्नार्ड अभिकर्मक को RmgX.2Et2O के द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता हैं।

X-ray स्टडी से यह ज्ञात हुआ हैं कि Mg एटम के साथ 4 ग्रुप (R,X,Et2O,Et2O) टेट्रा हेडरली (Tetra hedrally)रूप से संयोजित रहते हैं।किन्तु सुविधा के लिए गिग्नार्ड अभिकर्मक को केवल R–Mg—X द्वारा show किया जाता हैं।

Synthetic and technical applications of Grignard reagent in Hindi

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