BSc Chemistry Spectroscopy In Hindi

BSC Chemistry Spectroscopy In Hindi.यह टॉपिक बीएससी प्रथम वर्ष (NEP 20) के मेजर II पेपर/माइनर/ओपन इलेक्टिव के स्टूडेंट के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न हैं|यह यूनिट 6 का एक चैप्टर हैं|इसके अंतर्गत यहाँ पर एक प्रश्न का हल मिलेगा,जो एग्जाम में अक्सर आता हैं |इसके लिए एक प्रश्न नीचे दिया हैं जिसका उत्तर आपको यही मिलेगा|
BSc Chemistry Spectroscopy In Hindi
Spectroscopy से आप क्या समझते हैं ?IR Spectroscopy से क्या सूचनाएं प्राप्त होती हैं ?
Spectroscopy-
विज्ञान की वह शाखा हैं,जिसके अंतर्गत electromagnetic radiation का द्रव्य(Substance) के साथ Interaction Reaction(अन्योंन क्रिया ) का अध्ययन किया जाता हैं|अब डिफरेंट टाइप की electromagnetic radiation द्रव्य (Substance) के साथ Interaction करती हैं तो भिन्न प्रकार की Spectroscopy प्राप्त होती हैं|

उदाहरण(example) :-
- Radio Frequency परिसर (Range) में electromagnetic radiation (EMR) से Nuclear Magnetic Resonance(NMR) या Electron Spin Resonance (ESR) स्पेक्ट्रोस्कोपी प्राप्त होती हैं
- Visible and Ultraviolet क्षेत्र में परमाणु तथा अणुओ में Electronic Transition होते हैं इसलिए इसे Electronic Spectroscopy कहते हैं|
- Infrared क्षेत्र के अणु द्वारा Radiation के अवशोषण (Absorbtion) से molecular vibration उत्पन्न होते है इसलिए इसे Vibration Spectroscopy कहते हैं |
- Microwave क्षेत्र के अणु के Rotating स्तरों के Separation से Rotational Spectroscopy प्राप्त होती हैं |
- Y-किरणें (Ray)लघुतम Wavelength की किरणें हैं,जो Nuclear कणों में Rearrangement उत्पन्न करती हैं| ये किरणें Radio Active तत्वों जैसे -Ra,U आदि के नाभिक से उत्पन्न होती हैं|
- X -किरणें क्षेत्र में उच्च गति के Electron Metal Target से टकराकर उत्पन्न करते हैं|
IR Spectroscopy से क्या सूचनाएं प्राप्त होती हैं ?
इसकी अनेक Application हैं जैसे इसकी हेल्प से किसी Reaction की Kinetic का अध्ययन Successfully किया जा सकता हैं |इसी प्रकार किसी Compound की Purity का Measurement, hydrogen bonding,Resolution इत्यादि का भी अध्ययन IR Spectroscopy के द्वारा किया जा सकता हैं |
इसका उपयोग Carbon अणु में Functional group और Bonding Vibration करते हैं| Vibration की एक Frequency होती हैं जो अणु के अन्य भाग से अप्रभावित रहती हैं| इसलिए या समूह अपनी Characteristic कम्पन आवृति के Absorption प्रदर्शित करते हैं|
Functional Groups के लिए Characteristic Absorption Band या शिखर (Peaks) होते हैं| प्रत्येक band की एकcharacteristic Frequency होती हैं जिससे क्रियात्मक समूह की पहचान की जा सकती हैं |
उदाहरण के लिए -सभी Organic Compound जिनमे Carbonyl group होता हैं वे सभी C=O तनन कम्पन(Tensile Vibration) के लिए 710 cm-1 एक Strong Band show करते हैं|
अत:यदि किसी Compound के स्पेक्ट्रम में 1710cm-1 वाइब्रेशन आवृति का बैंड मिलता हैं,तो यह संकेत मिलता हैं कि इस Compound में कार्बोनिल समूह उपस्थित हैं|
यदि कम्पन आवृति पर बैंड प्राप्त नहीं होता हो तो समूह अनुपस्थित माना जाता हैं|इसी प्रकार 3600 cm-1 कम्पन आवृति पर प्रबल बैंड अल्कोहल के -OH क्रियात्मक समूह की उपस्थित को प्रदर्शित करता हैं|
Ir स्पेक्ट्रम की व्याख्या करने के लिए कोई विशेष नियम नहीं हैं किन्तु सामान्य प्रेक्षण इसकी व्याख्या करने में लाभदायक होते हैं|
(i) हमेशा स्पेक्ट्रम के high frequency वाले कार्नर से प्रारंभ करना चाहिए तथा finger print field(4,000-1250cm-1) को केवल संपुष्टि के लिए प्रयोग करना चाहिए|उदाहरण,5.83 µm(1,718cm-1)पर एक तीव्र बैंड C=O समूह की उपस्थिति प्रदर्शित करता हैं| यह -CHO,>C=O,acid,ester,amide के रूप में हो सकता हैं|
(ii)सम्पूर्ण spectrum की व्याख्या करना आवश्यक नहीं हैं,कुछ ही bands से important इनफार्मेशन प्राप्त हो जाती हैं|
(iii)किसी फील्ड विशेष में absortion band की अनुपस्थिति पर अधिक ध्यान देना चाहिए| उदाहरण यदि,1,800 -1600 cm-1 पर कोई absortion band प्राप्त नहीं होता हैं,तो उसका अर्थ carbonyl group की अनुपस्थिति से हैं|
(iv) किसी group की उपस्थिति में किसी अन्य group का absorption band विस्थापित हो सकता हैं conjugation,hydrogen bonding,aromatic ring आदि की उपस्थिति absoptionband के मूल स्थान को विस्थापित कर देती हैं| उदाहरण-acyclic ketone absorption band 1,725-1,750cm-1 पर प्रदर्शित करते हैं किन्तु aromatic ketone में यह wave number 30 cm-1 कम हो जाती हैं |
acetophenone C=O absorption band 1,690 cm-1 पर प्रदर्शित करता हैं| cyclopentanone absorption band 1,750 cm-1पर प्रदर्शित करता हैं जिससे यह प्रकट होता हैं कि ring size में कमी होने पर carbonyl streching vibration की frequency बढ़ जाती हैं |esters में carbonyl streching frequency ketone की अपेक्षा अधिक होती हैं | यह frequency >C=O group के साथ-साथ conjugation,unsaturation और ring के size पर depend रहती है|
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