जैविक प्रक्रियाओं में सूक्ष्म तत्व 2023 UseFul Blog यहाँ पर बीएससी फाइनल इयर जो कुछ दिनों में होने वाला हैं उसके इम्पोर्टेन्ट क्वेश्चन मिलेंगे |इस ब्लॉग बीएससी फाइनल के अकार्बनिक रसायन यानि सेकंड पेपर का 5th यूनिट का प्रश्न का उत्तर मिलेगा|
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जैविक प्रक्रियाओं में सूक्ष्म तत्व 2023 UseFul Blog
सूक्ष्म तत्व’
वे अकार्बनिक तत्व, जो जैव-रासायनिक (Bio-chemical) तथा शरीर क्रियात्मक (Physio- logical) प्रक्रियाओं के लिये आवश्यक होते हैं, किन्तु इन तत्वों की अपेक्षाकृत कम मात्रा की आवश्यकता होती है।
ये सूक्ष्म मात्रा तत्व कहलाते हैं। उदाहरण- मॉलिब्डेनम, मँगनीज, फ्लुओरीन, कोबाल्ट, जिंक, कॉपर, आयोडीन। इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे आवश्यक तत्व हैं, जिनकी अतिसूक्ष्म या परासूक्ष्म (Ultra-trace) मात्रा ही आवश्यक होती है। जैसे—निकिल, वैनेडियम, क्रोमियम, सेलेनियम, बोरॉन, टिन, टंगस्टन आदि।
सूक्ष्म तत्वों के कार्य-
मैंगनीज (Manganese) —
यह अनेक धातु एन्जाइमों (Metallo enzymes) को सक्रिय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जैसे – आर्जीनेज (Arginase), पायरूवेट (Pyruvate), कार्बोक्सिलेज (Carbo- xylase) आदि। इनकी कमी से स्तनधारियों (Mammals) में नपुंसकता हो जाती है।
कॉपर –
जीवधारियों तथा पौधों में जैविक प्रक्रियाओं के लिए, कॉपर एक आवश्यक तत्व है। यह वर्णकों के लिए आवश्यक तत्व है जो अनेक प्रोटीन, मेटेलोएन्जाइमों तथा प्राकृतिक अवस्था में पाये जाते हैं।
कॉपर हीमोग्लोबिन तथा सामान्य हड्डियों के निर्माण के लिए आवश्यक है। यह हीमोसायनिन प्रोटीन संकुल बनाता है, जो अकशेरुकी (Invertebrates) के रक्त में पाया जाता है तथा कॉपर, हीमोग्लोबिन की तरह ऑक्सीजन वाहक का कार्य करता है।
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मॉलिब्डेनम –
यह जैव-प्रक्रियाओं के लिए बहुत आवश्यक तत्व है तथा केवल हरी शैवालों (Al- (3) को छोड़कर सभी जीवों में पाया जाता है। यह जेन्थाइन ऑक्सीडेस तथा ऐल्डिहाइड ऑक्सीडेस को उत्प्रेरित करता है।
यह नाइट्रोजन स्थिरीकरण तथा नाइट्राइट अपचयन में अधिक महत्वपूर्ण है।
कोबाल्ट-
यह विटामिन B12 में उपस्थित होता है। विटामिन B12 की जैविक प्रक्रियाओं में सूक्ष्म तत्व की दृष्टि से यह अत्यधिक महत्वपूर्ण है। विटामिन B12 हमारे शरीर में आँतों में सूक्ष्म जीवाणुओं द्वारा बनाया जाता है, परन्तु यह शरीर में पुनः अवशोषित नहीं होता है। भोजन से इसको प्राप्त किया जाता है।
अतः इसके लिए हमें भोजन पर निर्भर रहना पड़ता है। विटामिन B12, DNA तथा हीमोग्लोबिन के संश्लेषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अमीनो अम्लों की उपापचय तथा मिथाइल समूह एवं हाइड्राइड के स्थानान्तरण प्रक्रम में भी महत्वपूर्ण है। यह अनेक मेटेलोएन्जाइमों को भी सक्रिय करता है।
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जिंक –
यह जैविक प्रक्रियाओं में सूक्ष्म तत्व के लिए आवश्यक तत्व है। यह कॉपर से बाहुल्यता में 20 गुना अधिक पाया जाता है। यह वृद्धि, प्रजनन, ऊतक सुधार तथा घावों के भरने के लिये आवश्यक तत्व है। पशुओं के ऊतकों में उपस्थित एन्जाइमों का यह आवश्यक घटक है। जिंक पौधों तथा जीवों के एन्जाइम तन्त्र में महत्वपूर्ण जैविक भूमिका रखता है।