बी.एससी. फाइनल इयर रसायन शास्त्र प्रथम प्रश्न पत्र के 5 इम्पोर्टेन्ट प्रश्न उत्तर
बी.एससी. फाइनल इयर रसायन शास्त्र प्रथम प्रश्न पत्र के 5 इम्पोर्टेन्ट प्रश्न उत्तर.इस ब्लॉग में बीएससी अंतिम वर्ष के स्टूडेंट के लिए रसायन शास्त्र के हर यूनिट से एक इम्पोर्टेन्ट प्रशन लेकर 5 प्रशन सिलेक्ट करके उनके उत्तर दिए गए हैं.
बी.एससी. फाइनल इयर रसायन शास्त्र प्रथम प्रश्न पत्र के 5 इम्पोर्टेन्ट प्रश्न उत्तर.
प्रशन क्रमांक:-1
हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत क्या हैं ?
उत्तर :-
किसी बड़ी वस्तुओं जिनके वेग अधिक होते हैं .उनके क्लासिकल मैकेनिक्स के अनुसार किसी गतिमान कण का वेग (या संवेग)व् स्थिति सही एवं निश्चित रूप से ज्ञात की जा सकती हैं.हाइजेनबर्ग के अनुसार :-
”इलेक्ट्रान जैसे गतिमान सूक्ष्म कण के वेग (या संवेग ) व् स्थिति साहका साथ-साथ सही निर्धारण संभव नहीं हैं.”इसे ही हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत कहते हैं.
Δ✖.ΔP≥h/4π
जहाँ Δ✖ =स्थिति में अनिश्चितता,ΔP=संवेग में अनिश्चितता तथा h = प्लांक स्थिरांक
≥ = गुणनफल Δ✖.ΔP का मान h/4π से अधिक या बराबर हो सकता हैं तथा h/4π से कम नहीं हो सकता.अत:Δ✖औरΔP
का न्यूनतम गुणनफल एक स्थिरांक के बराबर होगा.इससे यह निष्कर्ष निकलता हैं कि
Δ✖∝1/ΔP
अर्थात यदि इलेक्ट्रान जैसे सूक्ष्म कण कि स्थिति के निर्धारण कि अनिश्चितता Δ✖ का मान कम हो तो सवेंग कि अनिश्चितता का मान ΔPअधिक होगी.उसी प्रकार यदि संवेग की अनिश्चितता (ΔP)का मान कम हो तो स्थिति की अनिश्चितता (Δ✖) का मान अधिक होगा.
अनिश्चितता सिद्धांत को हम एक काल्पनिक प्रयोग के आधार पर समझा सकता हैं.मानलो अगर किसी एक इलेक्ट्रान की स्थिति जानना चाहते हैं.इसके लिए यह जरुरी है कि हम उसे देख सके.इसके लिए हम अत्यंत कम तरंगधेर्य वाले विकिरण x-किरण का उपयोग करेंगे.परन्तु x-किरण द्वारा इलेक्ट्रान की पोजीशन का पता तब तक नहीं लग सकता जब तक वह इलेक्ट्रान से न टकराए तथा टकराकर प्रकिर्णित न हो.
x-किरण के फोटोन के इलेक्ट्रान से टकराने से क्राम्पटन प्रभाव घटित हो जायेगा जिससे इलेक्ट्रान के वेग में बहुत अधिक वृद्धि हो जाएगी.इस प्रभाव के कारण इलेक्ट्रान का आरंभिक वेग (तथा संवेग ) अनिश्चित हो जायेगा.इलेक्ट्रान की सही स्थिति ज्ञात करने के लिए यदि हम और कम तरंगधेर्य के विकिरण का उपयोग करें तो संवेग की अनिश्चितता (ΔP)का मान और अधिक बढ़ जायेगा.
क्रिकेट की गेंद या गृह के समान बड़े पदार्थ ही आकाश में गमन करते हुए अपना निश्चित प्रक्षेप -पथ बनाते हैं.किसी वस्तु का प्रक्षेप-पथ उसकी विभिन्न क्षणों में स्थिति और उसके वेग से निर्धारित होती हैं.इलेक्ट्रान,प्रोटोन,न्यूट्रॉन,परमाणु,अणु जैसे सूक्ष्म कणों पर हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धांत लागु होता हैं.अत: इसके लिए किसी प्रक्षेप-पथ की कल्पना संभव नहीं हैं.
प्रशन क्रमांक:-1
बोर्न-ओपेन हाइमर सन्निकटन का कथन लिखिए तथा स्वतंत्रता की कोटि समझाईये
अथवा
बोर्न-ओपेन हाइमर सन्निकटन क्या हैं?यह संकल्पना कुल इलेक्ट्रॉनिक उर्जा को किस प्रकार दर्शाता हैं?
उत्तर :-
एटॉमिक स्पेक्ट्रम इलेक्ट्रान के एक एनर्जी लेवल से दुसरे एनर्जी लेवल में ट्रांजीशन से प्राप्त होता हैं,जबकि मॉलिक्यूलर स्पेक्ट्रम तीन टाइप के एनर्जी चेंज के फलस्वरूप बनता हैं,जो निम्न हैं:-
(1) घूर्णन
(2) कम्पन्न
(3) इलेक्ट्रॉनिक संक्रमण.
जब पदार्थ पर प्रयाप्त एनर्जी वाली इलेक्ट्रो मैग्नेटिक रेडिएशन (द्रश्य या अल्ट्रा वायलेट) आपतित की जाती हैं,तो मॉलिक्यूल के घूर्णन ,कम्पन तथा ‘इलेक्ट्रोनिक
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